पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पंजाब के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2027 चुनाव के लिए शिरोमणि अकाली दल (SAD) और बीजेपी के बीच गठबंधन की वकालत की। इसके बाद वह पंजाब में विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए। सोमवार को सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल के परिवार पर पंजाब के संसाधनों को लूटने का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस ने कहा कि गठबंधन से कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि ज़ीरो प्लस ज़ीरो हमेशा ज़ीरो होता है।
अमरिंदर सिंह ने क्या कहा था?
एक मीडिया हाउस के पॉडकास्ट में बीजेपी नेता अमरिंदर सिंह ने कहा कि पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव अकेले दम पर नहीं जीत पाएगी और अगर वह सत्ता में वापस आना चाहती है तो उसे SAD के साथ अपनी पार्टनरशिप फिर से शुरू करनी होगी।
ज़ीरो प्लस ज़ीरो हमेशा ज़ीरो- कांग्रेस
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि वह कैप्टन साहब से सहमत हैं कि BJP का अकेले पंजाब में कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा, “BJP और SAD दोनों ही पंजाब से पहले ही खत्म हो चुके हैं और उनके फिर से उठने का कोई स्कोप नहीं है। अगर अकाली और BJP गठबंधन भी कर लेते हैं, तो भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ज़ीरो प्लस ज़ीरो हमेशा ज़ीरो होता है। लेकिन एक बात जो मुझे कैप्टन साहब के बारे में माननी पड़ेगी, वह यह है कि वह समझदार हो गए हैं और उन्होंने अपनी ही पार्टी को आईना दिखाया है।”
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राजा वारिंग ने कहा, “बीजेपी का पंजाब में कोई भविष्य नहीं है क्योंकि उसने अपनी पंजाब विरोधी नीतियों से पंजाबियों को पूरी तरह से नाराज़ कर दिया है। वह पंजाब में कभी भी सरकार नहीं बना सकती, चाहे अकाली साथ हों या न हों।”
AAP ने लगाया बड़ा आरोप
वहीं रिपोर्टर्स को संबोधित करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री और AAP नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “पंजाब के लोगों द्वारा रिजेक्ट किए गए नेता, जिनमें अमरिंदर, उनके रिश्तेदार सिमरनजीत सिंह मान और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल शामिल हैं, एक बार फिर सत्ता में लौटने का सपना देख रहे हैं। लेकिन लोग अब इन दोनों परिवारों के दबदबे वाली लूट की राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
हरपाल चीमा ने आरोप लगाया कि 2002 और 2022 के बीच अमरिंदर और बादल परिवार ने सिस्टमैटिक तरीके से खुद को अमीर बनाया और एक-दूसरे को कानूनी कार्रवाई से बचाया। उन्होंने कहा, “2002-2007 में कैप्टन की सरकार के दौरान बादल परिवार के खिलाफ लगभग 4,000 करोड़ रुपये की बेहिसाब संपत्ति के मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, अमरिंदर ने जानबूझकर इन मामलों में प्रॉसिक्यूशन में देरी की। जब 2007 में SAD-BJP सरकार सत्ता में आई, तो सभी मामले तुरंत रद्द कर दिए गए और बंद कर दिए गए। यह कोई इत्तेफाक नहीं था। यह बादल और कैप्टन के परिवारों के बीच आपसी सुरक्षा और राज्य को लूटने की सुविधा के लिए एक गहरी, आपसी सहमति थी।”
लोगों को बेअदबी के भावुक मुद्दे की याद दिलाते हुए हरपाल चीमा ने कहा, “बादल ने सत्ता के घमंड में इन घटनाओं को होने दिया और अमरिंदर ने 2017 में गुटका साहिब हाथ में लेकर झूठा वादा किया था। अमरिंदर ने जस्टिस रंजीत सिंह और जस्टिस जोरा सिंह कमीशन का इस्तेमाल सिर्फ पंचायत चुनावों में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए किया और दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।”
हरपाल चीमा ने चेतावनी देते हुए कहा, “ये लोग सोचते हैं कि पंजाबी उनकी धोखेबाज़ी की चालों को भूल गए हैं, लेकिन उन्हें यह एहसास नहीं है कि पंजाबी 20 साल बाद भी बदला लेते हैं। लोग कभी नहीं भूलेंगे कि कैसे इन नेताओं ने पर्दे के पीछे एक होकर, जनता को गुमराह करने के लिए बड़ी-बड़ी साज़िशें रचीं, कैसे उन्होंने राज्य की दौलत लूटी और कैसे पवित्र पंथिक पदों का पहले प्रकाश सिंह बादल और फिर उनके बेटे सुखबीर ने गलत इस्तेमाल किया। AAP सरकार आम लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करेगी कि इन परिवारों की साज़िशें कभी कामयाब न हों।”
