उत्तर प्रदेश में भाजपा संगठन की ओर से साफ कर दिया गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव पार्टी सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी। हालांकि, विपक्षी दलों ने अभी भी केंद्र और राज्य के बीच उभरी मतभेद की अटकलों पर निशाना साधना जारी रखा है। समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस तक भाजपा में ताकत की जंग को मोदी बनाम योगी के तौर पर पेश कर रही हैं। हाल ही में एक टीवी डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता ने भी इसी मुद्दे को उठाया, हालांकि, भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने उन्हें जबरदस्त जवाब दिया।

क्या बोलीं कांग्रेस प्रवक्ता?: कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने केंद्र और यूपी की भाजपा सरकार पर जबरदस्त हमले करते हुए कहा, “मोदी से न तो देश संभल रहा है न दल। शायद झोला उठाकर चले जाने का समय आ गया है। यूपी में भाजपा अपने ऊपर ही दोधारी तलवार चला रही है। एक बड़ा मुकाबला चल रहा है मोदी बनाम योगी का।”

पहले डेढ़ महीने योगीजी मोदीजी का चेहरा गायब कर देते हैं पोस्टर से। फिर जब मोदी जी जन्मदिन पर योगीजी को बधाई नहीं देते, तो योगी जी नमामि गंगे और यूपी भाजपा के ट्विटर हैंडल से मोदीजी की फोटो हटा देते हैं। फिर मोदीजी एके शर्मा को भेज देते हैं योगी के ऊपर बिठाने के लिए, सरकार में उनकी दाल नहीं गलती, तो अंत में मोदीजी को ही झुककर शर्मा को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने तक सीमित रह जाना पड़ता था। तो यानी पहले मोदी और योगी ही एक दूसरे पर नहले पे दहला चल रहे हैं। शेर पर सवा शेर बनने की कोशिश कर रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता बोले- कांग्रेस फ्यूज बल्ब की झालर की तरह: इसके बाद भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस और सपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये पूछ रहे हैं कि भाजपा का एक्सप्रेस-वे चढ़ेगा, कहां से उतरेगा। इनका एक्सप्रेस-वे सैफाई से चढ़ता था, इटावा पर खत्म हो जाता था। एक तरफ योगी आदित्यनाथ हैं, जो पूरी तरह समर्पित हैं। उधर एक ये हैं, जो सरकारी बंगला खाली करते हैं और 200 रुपए की टोंटी चुरा लेंगे। ये भ्रष्टाचार पर बात करेंगे। रिवर फ्रंट विकास पर जो भ्रष्टाचार हुआ है, उसकी जांच चल रही है।

इसके बाद गौरव भाटिया ने कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी तो न तीन में न तेरह में। इनका हाल ये था कि ये सात के आंकड़े में आए थे पिछले विधानसभा में। 2014 में लोकसभा में दो सीटें थीं और 2019 में एक। वो एक सीट भी जाने वाली है। ये उस झालर की तरह हैं, जो फ्यूज बल्ब की बनी है। जब भी चुनावी दिवाली आती है, ये अपनी फ्यूज बल्ब की झालर निकाल लेते हैं, ये बात अलग है कि वो जलती नहीं है। इनसे पूछिएगा कि आखिरी बार सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी आखिरी बार कब अपने संसदीय क्षेत्र गए थे।”