Delhi News: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 2020 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2025 के चुनावों में 31 पर्सेंट कम खर्च किया। वहीं कांग्रेस और आप की इलेक्शन एक्पेंडीचर रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस का खर्च करीब 67 पर्सेंट बढ़ गया। चुनाव आयोग ने इस हफ्ते एक रिपोर्ट पब्लिश की है। इससे इस बात की जानकारी मिलती है कि आम आदमी पार्टी ने 14.51 करोड़ रुपये खर्च किए। यह पिछली बार के विधानसभा चुनाव में घोषित 21.06 करोड़ रुपये से कम है।

दिल्ली के विधानसभा चुनाव इस बार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित हुए हैं। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को 70 में से 48 सीटें मिली। वहीं आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। कांग्रेस पार्टी लगातार तीसरी बार चुनाव में अपना खाता खोलने में कामयाब नहीं हो पाई।

आम आदमी पार्टी की एक्सपेंडीचर रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल पार्टी प्रोपेगेंडा पर पार्टी ने 12.12 करोड़ रुपये खर्च किए। इनमें से 5 करोड़ रुपये मीडिया विज्ञापनों, फोन कॉल, बल्क एसएमएस सेवाओं और गूगल विज्ञापनों पर खर्च किए गए। उम्मीदवारों पर कुल खर्च 2.39 करोड़ रुपये था। कुल मिलाकर चुनाव अवधि के दौरान, पार्टी को 16.09 करोड़ रुपये मिले और उसका आखिरी बैंक बैलेंस 9.96 करोड़ रुपये था।

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कांग्रेस ने कितने करोड़ खर्च किए

कांग्रेस ने इस बार 46.18 करोड़ रुपये खर्च घोषित किया है। 2020 में उसने विधानसभा चुनावों पर 27.68 करोड़ रुपये खर्च किए थे। कांग्रेस ने जनरल पार्टी प्रोपेगेंडा पर 40.13 करोड़ रुपये और उम्मीदवारों पर 6.05 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें सोशल मीडिया कैंपेन पर खर्च भी शामिल है। पार्टी ने विज्ञापनों पर 17.78 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को प्रिंट विज्ञापनों के लिए 2.28 करोड़ रुपये शामिल हैं। इलेक्शन के दौरान पार्टी को 64.31 करोड़ रुपये मिले और इसका क्लोजिंग बैलेंस 53.66 करोड़ रुपये रहा।

चुनावी खर्च की रिपोर्ट EC को करनी होती है जमा

पार्टियों को हर चुनाव के बाद इलेक्शन कमीशन को अपने चुनावी खर्च की रिपोर्ट जमा करनी होती है। चुनाव आयोग ने अभी तक भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली विधानसभा चुनाव की खर्च रिपोर्ट अभी तक पब्लिश नहीं की है। हालांकि, इसने उम्मीदवारों पर अलग-अलग पार्टियों द्वारा खर्च की गई राशि को दिखाने वाली एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। बीजेपी के मामले में, पार्टी ने 68 उम्मीदवारों को 25-25 लाख रुपये दिए, यानी कुल 17 करोड़ रुपये। दिल्ली सरकार लाने जा रही नई इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी