उत्तर प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा की खाली पड़ी सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। ऐसे में विपक्षी दलों ने सदन में भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए कमर कस ली है। इनमें सबसे आगे कांग्रेस का नाम है, जिसने राज्य में आठ सीटों पर होने वाले उपचुनाव में हर सीट के लिए अलग-अलग पैनल तक निर्धारित कर दिए हैं। यही कमेटियां इन सीटों पर उम्मीदवार की तलाश करेगी और उनके चुनाव की जिम्मेदारी भी निभाएगी।

सभी सीटों पर उम्मीदवार ढूंढने की जिम्मेदारी मौजूदा-पूर्व सांसद, विधायकों को
यूपी में कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि तैयारियों के लिए हमने कमेटियों का गठन किया है, यह कमेटियां हर सीट पर संभावित उम्मीदवार का चुनाव करेंगी। आदेश के मुताबिक, घाटमपुर विधानसभा सीट (रिजर्व) सीट की जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को दी गई है, जबकि पूर्व मंत्री आरके चौधरी और राज्य में कांग्रेस उपाध्यक्ष योगेश दीक्षित कमेटी के सदस्य होंगे।

इसी तरह मल्हानी सीट के लिए कांग्रेस ने पूर्व विधायक अजय राय, राम जियावन और पार्टी महासचिव मकसूद खान को जिम्मेदारी दी है। इसके अलावा देवरिया सदर सीट से विधायक नदीम जावेद, पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान और पार्टी महासचिव विश्वविजय सिंह को उम्मीदवार ढूंढने के लिए कहा गया है।

उन्नाव की बांगरमऊ सीट के लिए योजना तैयार करने को कानपुर कैंट के विधायक और राज्य में कांग्रेस उपाध्यक्ष सुहेल अख्तर अंसारी, विधायक संजीव दरियाबादी और महासचिव विवेकानंद पाठक को मौका दिया गया है। दूसरी तरफ टूंडला विधानसभा सीट के लिए पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, दीपक कुमार और राज्य महासचिव बदरुद्दीन कुरैशी की नियुक्ति हुई है। नौगवां सदत सीट के लिए पूर्व सांसद प्रवीण सिंह एरॉन, विधायक नरेश सैनी और पार्टी महासचिव अली यूसुफ अली को जिम्मेदारी दी गई है।

बुलंदशहर सीट के लिए इस बार पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक विधायक मसूद अख्तर और महासचिव विदित चौधरी को पार्टी ने प्रत्याशी चुनने का अधिकार दिया है। इसके अलावा स्वार रामपुर विधानसभा सीट के लिए पूर्व सांसद राशिद अल्वी के साथ पूर्व विधायक नरेंद्र पाल गंगवार और महासचिव ब्रह्मस्वरूप सागर को नियुक्त किया गया है।