आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए विपक्षी एकजुटता को लेकर चल रहे प्रयासों के बीच कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वही (कांग्रेस) विपक्षी दलों की एकता की धुरी बनेगी। केवल राहुल गांधी ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प होंगे। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी का विकल्प केवल और केवल राहुल हैं। कोई और नहीं हो सकता। कांग्रेस और देश के लोग राहुल को देश का अगला प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं। सुरजेवाला ने यह बात इस सवाल के जवाब में कही कि अगले चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी का विकल्प कौन बनेगा? उन्होंने कहा कि आज दो माडल हैं- मोदी माडल जिसमें वे दिन में छह बार कपड़े बदलते हैं, अपने कपड़ों की क्रीज भी खराब नहीं होने देते, अपनी वेशभूषा पर जितना समय लगाते हैं शायद शासन पर उतना समय नहीं लगाते। दूसरा माडल है राहुल गांधी का, जो सादगी, सरलता और साफगोई पर आधारित है। राहुल गांधी राजनीति में अपनी बेबाकी, पारदर्शिता और ईमानदारी के लिए मशहूर हुए हैं। वे कठोर निर्णय लेने से भी कभी नहीं डरते।

विपक्षी एकता के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि बीजद, शिवसेना और अब तेदेपा धीरे-धीरे राजग से अलग हो रहे हैं जबकि कांग्रेस विभिन्न दलों की एकता की धुरी बनती जा रही है। यह एकता 2019 में बदलाव का आधार बनेगी। शिवसेना पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह 2019 का चुनाव भाजपा के साथ नहीं लड़ेगी। केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के अन्य बड़े घटक तेदेपा ने भी पिछल दिनों पेश किए गए आम बजट पर निराशा जताई है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में पेश आम बजट में मध्यम वर्ग को निराशा हाथ लगने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को केवल जुमलों से छला है, दिया कुछ नहीं। नोटबंदी और जीएसटी की सबसे बड़ी मार भी इसी वर्ग पर सबसे अधिक पड़ी।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के मुताबिक सबसे ज्यादा टैक्स भी यही वर्ग देता है। उन्हें यह लगता है कि सबसे ज्यादा अमीर यही वर्ग है जबकि सच्चाई यह है कि सबसे ज्यादा मेहनतकश और ईमानदार यही वर्ग हैं। इस वर्ग को आज महंगाई की बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। इसीलिए मध्यम वर्ग इस बात को अच्छी तरह समझ गया है कि मोदी सरकार में बातें बहुत और काम कुछ भी नहीं। इस साल कर्नाटक सहित आठ राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की रणनीति पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि तरक्की के लिहाज से सबसे महत्त्वपूर्ण राज्य कर्नाटक में कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी, ऐसा हमारा विश्वास है। हमने जिस तरह से कर्नाटक में विकास का एक माडल पेश किया है, चाहे वह ईवे बिल हो या कर्नाटक सरकार की अन्य योजनाएं हों, अब भारत सरकार भी मानती है कि उनका पूरे देश में क्रियान्वयन होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगले चरण में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि राज्यों में जो चुनाव होंगे, उनका ट्रेलर दो दिन पहले राजस्थान के उपचुनाव में आ चुका है। जहां कांग्रेस ने दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट जीती। उन्होंने कहा कि यह गुस्सा अकेले वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ नहीं है। यह मोदी सरकार व राजे सरकार के जुमलों से ठगी गई जनता द्वारा कांग्रेस को वापस लाने की बयार है। पिछले हफ्ते घोषित हुए उपचुनावों के नतीजों में कांग्रेस ने अजमेर और अलवर लोकसभा सीटें और मांडलगढ़ विधानसभा सीट जीत कर सत्तारूढ़ भाजपा को झटका दिया क्योंकि यह तीनों सीटें भगवा दल के पास थीं।

इस साल कर्नाटक, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में विधानसभा के चुनाव होने हैं। पार्टी अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी की तीन प्राथमिकताएं पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता है अखिल भारतीय कांग्रेस और देश भर में इसकी इकाइयों के संगठन का पुनर्गठन और बदलाव। उनकी अन्य प्राथमिकता एक ऐसे ‘विजन’ को तैयार कर लागू करना है जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित लाभ मिल सके। इस विजन में निजी व सरकारी क्षेत्रों में नौकरियों के सृजन के उपाय होंगे।