मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के बाद कमलनाथ को राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया है। मुख्यमंत्री की रेस में कमलनाथ के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया थे लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सिंधिया के मुकाबले अनुभवी कमलनाथ पर ही भरोसा किया। कमलनाथ इंदिरा गांधी के समय से ही राजनीति में हैं और अभी तक कुल नौ बार सांसद चुने गए हैं। कमलनाथ अगले एक-दो दिन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

कमलनाथ का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था। उनके पिता बिजनेसमैन थे। दून स्कूल से कमलनाथ ने अपनी स्कूली पढ़ाई की थी और बाद में कोलकाता के सेंट जेवियर्स से उन्होंने बीकॉम की डिग्री हासिल की थी।

क्या था पूरा विवाद ?

साल 2011 में कमलनाथ उस समय विवादों में आ गए थे जब उनपर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया गया था। कमलनाथ के खिलाफ उनके प्रतिद्वंद्वियों ने पार्टी लाइन के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया था। लोगों ने कमलनाथ पर योग गुरु बाबा रामदेव को अपने संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा में बुलाकर UPA-2 सरकार के खिलाफ प्रचार करने का आरोप लगाया था।

उज्जैन के एक पार्टी मेंबर जिनका नाम प्रेम चंद गुड्डू है उन्होंने उस दौरान कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर इस पूरे मामले की शिकायत की थी। प्रेम चंद गुड्डू ने कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ कैंपेन करने के लिए 25 लाख रुपए जुटाए हैं। वहीं कमलनाथ ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

बता दें, इस बार कांग्रेस पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कौन होगा कांग्रेस पार्टी का चेहरा इस पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कड़ी टक्कर हो रही है। वहीं छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच कांग्रेस पार्टी को फैसला करना है।