कांग्रेस के दिग्गज नेता और केरल से सासंद शशि थरूर अपने एक ट्वीट की वजह से विवादों में आ गए हैं। दरअसल उन्होंने ट्वीट में लिखा केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए वह संयुक्त राष्ट्र पहुंचे है और इसके लिए लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं। ट्वीट में उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री और सीएमओ केरल को भी टैग किया है। हालांकि मामले में विवाद तब बढ़ गया जब केरल सरकार ने उनके दावों को ही खारिच कर दिया है। साथ ही कहा कि वो राज्य सरकार के दूत नहीं हैं। ये जानकारी न्यूज 18 ने सूत्रों के हवाले से दी है। सीएमओ केरल ने कहा कि उन्होंने UN में अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजा और ना ही थरूर उनके दूत हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद पर अब भाजपा ने भी निशाना साधा है। पार्टी ने थरूर पर गंभीर नहीं होने के आरोप लगाए हैं। हालांकि थरूर के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि उनका निर्वाचन क्षेत्र बाढ़ की चपेट नहीं आया है। इसके अलावा मामले में निर्णय लेने का अधिकार भी उनके पास नहीं है। इसलिए उन्होंने अपने पिछले संबंधों का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र से मदद की मांग की है। बता दें कि मामले में विवाद और भी बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जर्मनी और यूके में एनआरआई को संबोधित करने वाले हैं। सूत्रों का कहना है कि शशि शरूर वहां राहुल गांधी के साथ जा सकते हैं।
वहीं कांग्रेस ने शशि थरूर का बचाव किया है। पार्टी ने कहा कि वह जिम्मेदार नागरिक हैं और वह संयुक्त राष्ट्र से मदद लेने के लिए अपने पिछले संबंध का उपयोग कर रहे हैं। इसमें कुछ गलत नहीं है।
Landed in Geneva to meet w/ @UN & international humanitarian agencies for consultations on #KeralaFloods. While seeking help is the prerogative of the Govt of India, i am here, in close consultation w/ @CMOKerala @vijayanpinarayi, to explore what help could be possible if sought
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 20, 2018
बता दें कि केरल में इस साल 30 मई से मानसूनी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की विभिन्न घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 373 हो गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एनडीएमए) ने एक बयान में यह जानकारी दी। राज्य के सभी 14 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ के कारण कुल 87 लोग घायल भी हुए हैं और 32 अन्य लापता हैं। बयान के अनुसार केरल में मानूसनी बारिश के कारण 30 मई से कुल 373 लोगों की मौत हो चुकी है और 32 अन्य लापता हैं। इसमें कहा गया है कि भीषण बाढ़ के कारण केरल में 54.11 लाख प्रभावित हुए हैं और उनमें से 12.47 लाख लोगों ने 5645 राहत शिविरों में शरण ली है।