MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मध्य विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को सुप्रीम कोर्ट से आज बड़ी राहत मिली है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि भोपाल के इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज मामले में तीन दिन के भीतर एफआईआर दर्ज की जाए और इसकी जांच एसआईटी को सौंपी जाए। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है।
हाईकोर्ट के आदेश इस आदेश के खिलाफ मसूद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे के माहेश्वरी की बेंच ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई। विधायक की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा और वरुण तन्खा पेश हुए थे। मसूद के वकील विवेक तन्खा ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश अनुचित है, उनकी दलीलों को कोर्ट ने स्वीकार किया।
SIT की जांच पर भी लगी रोक
मध्य प्रदेश की हाईकोर्ट के आदेश के बाद मसूद के खिलाफ कोहेफिजा थाने में कूटरचित दस्तावेजों के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। साथ ही डीजीपी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी एडीजी संजीव शर्मा के नेतृत्व में गठित की थी। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी हैं। ऐसे में अब विधायक के खिलाफ एसआईटी की जांच भी रोक दी गई है।
यह भी पढ़ें – सुप्रीम कोर्ट ने असम में दर्ज मामले में पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन और करण थापर को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि खानून गांव में इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज स्थित है। आरिफ मसूद इसकी समिति में सचिव हैं। कॉलेज की मान्यता को लेकर पूर्व विधायक ध्रुवनारायण शुक्ला ने शिकायत की थी, कॉलेज प्रबंधन और समिति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मान्यता ली है। मामले में जांच बाद उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त ने यह माना था कि अमन सोसाइटी ने कॉलेज संसाधन के लिए फर्जी दस्तावेज के आधार पर एनओसी व मान्यता प्राप्त की थी।
इस मामले में एसआईजी जांच के आदेश कोर्ट ने दिए थे। इसके बाद भोपाल के कोहेफिजा थाने में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। इधर कॉलेज में नए प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
यह भी पढ़ें – हमले के बाद रेखा गुप्ता के पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में हुआ बवाल, विरोध में नारे लगाने वाले पर हुआ एक्शन