मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए हालिया विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर कांग्रेस इन राज्यों में सत्ता पर काबिज हो गई है। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान किसानों की कर्ज माफी और युवाओं को रोजगार जैसे मुद्दे खूब जोर-शोर से उछाले और सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था। लेकिन अब जब चुनावी शोर खत्म हो चुका है और तीनों राज्यों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण कर चुके हैं। अब किसानों की कर्ज माफी का कांग्रेस का वादा नई सरकारों के लिए सिरदर्द बन गया है! राजस्थान की बात करें तो स्थिति यहां ज्यादा गंभीर है। दरअसल राजस्थान के नए सीएम अशोक गहलोत ने एक बयान में कहा है कि राज्य पर 3 लाख करोड़ रुपए का भारी-भरकम कर्ज है। ऐसे मुश्किल आर्थिक हालात में कांग्रेस की नई नवेली सरकार को किसानों की कर्ज माफी के अपने वादे को पूरा करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
माना जा रहा है कि यदि राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने वादे के तहत किसानों का पूरा कर्ज माफ करती है, तो इससे राज्य के सरकारी खजाने पर करीब 1 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। 3 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में दबे राज्य पर एक लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ राजस्थान की आर्थिक स्थिति खराब कर सकता है। हालांकि अशोक गहलोत ने किसानों की कर्ज माफी के वादे को पूरा करने की प्रतिबद्धता दोहरायी है और कहा है कि सरकार की पहली कैबिनेट बैठक के 10 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। बता दें कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफी का वादा किया है। मध्य प्रदेश में तो सीएम कमलनाथ ने राज्य के किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने की फाइल पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। हालांकि कांग्रेस ने सरकार बनने पर किसानों का पूरा कर्ज माफ करने का वादा किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में सरकार इसी तरह किसानों का तुरंत कुछ कर्ज माफ कर सकती है।
इकॉनोमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार, मार्च 2018 में आयी बैंक कमेटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि राजस्थान के 59 लाख किसानों ने बैंकों से कर्ज लिया हुआ है। इनमें से करीब 26 लाख किसानों ने को-ऑपरेटिव और क्षेत्रीय बैंकों से और 24 लाख किसानों ने राष्ट्रीय बैंकों से और बचे हुए किसानों ने विभिन्न कमर्शियल बैंकों से कर्ज लिया हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक राजस्थान सरकार को शुरुआती तौर पर फिलहाल किसानों का कर्ज माफ करने के लिए 22 हजार करोड़ रुपए की जरुरत है। हालांकि आखिरी रुप से यह रकम करीब 90 हजार करोड़ रुपए के आसपास बैठेगी। बहरहाल देखने वाली बात होगी कि राजस्थान सरकार इस समस्या का हल कैसे निकालती है, क्योंकि उन्हें कुछ महीनों बाद ही लोकसभा चुनावों में भी उतरना है। यदि कांग्रेस ने अपना वादा पूरा नहीं किया तो लोकसभा चुनावों में उसे इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है!