पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर से सीएम चन्नी पर निशाना साधा है। इस बार सिद्धू ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर पंजाब सरकार पर निशाना साधा है।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि बिना बिजली समझौते के सस्ती बिजली कहां से सरकार लाकर देगी? पेट्रोल-डीजल सस्ता कर दिया, लेकिन पांच साल तक इसपर कायम कैसे रहोगे? सिद्धू राज्य सरकार के खजाने को लेकर निशाना साध रहे थे। इसके साथ ही सिद्धू ने एक बार फिर कैप्टन पर भी निशाना साधा है।

कैप्टन को लेकर सिद्धू ने कहा कि पूर्व सीएम में इच्छाशक्ति नहीं थी, उन्हें बदल दिया गया। चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम मैंने नहीं आलाकमान ने बनाया है। पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बेअदबी के मामले को लेकर कहा कि सरकार को इस मामले में इंसाफ दिलाना था, लेकिन वही अब इसकी ढाल बन गई है। सिद्धू ने यहां तक कह दिया कि सरकार या तो कंप्रोमाइजिंग अफसर चुन ले या फिर पंजाब कांग्रेस का प्रमुख।

इससे पहले सीएम चन्नी ने एडवोकेट जनरल एपीएस देओल के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। सिद्धू इसी को लेकर लगातार मुखर थे। उन्होंने कहा- पंजाब कैबिनेट ने महाधिवक्ता ए पी एस देओल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कल तक इस पद को भर दिया जाएगा”।

सिद्धू चाहते थे कि देओल और सहोता दोनों को 2015 की बेअदबी और पुलिस फायरिंग मामले में बर्खास्त किया जाए। इन दोनों को चन्नी ने सीएम बनने के बाद नियुक्त किया था। एपीएस देओल ने इस मामले के दो आरोपी पुलिस वालों का केस लड़ा था। वहीं इकबाल सहोता तत्कालीन अकाली दल सरकार द्वारा गठित एसआईटी के प्रमुख थे। जिसे सिद्धू ने न्याय सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए दोषी ठहराया था।

सिद्धू का चन्नी से टकराव के पहले कैप्टन अमरिंंदर सिंह के साथ विवाद था। तब कैप्टन पंजाब की सीएम थे। कांग्रेस अलाकमान काफी कोशिशों के बाद भी इनके बीच के विवाद को सुलझा नहीं पाई थी। इसी विवाद के बीच सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बना दिया और उसके कुछ दिनों बाद ही कैप्टन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। कैप्टन अब नई पार्टी बना चुके हैं और कांग्रेस के खिलाफ मैदान में उतरने का ऐलान भी कर दिया है।