कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को व्यापमं घोटाले के बारे में एक बड़ा सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में शिक्षकों की भर्ती घोटाले का पूरा सच सामने लाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अभ्यर्थियों को सरकारी गवाह बनाया गया था। इसी तरह मध्य प्रदेश के बहुर्चिचत व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जो छात्र ‘‘इम्पेरिकल रुल’’ के तहत आते हैं तथा जिनके खिलाफ सबूत उपलब्ध हैं, उन्हें इस मामले में सरकारी गवाह बनाया जाना चाहिए।

दिग्विजय का पत्र कमलनाथ कोः दिग्विजय सिंह ने 21 जुलाई को मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे अपने पत्र में मांग करते हुए कहा है कि चूंकि इस प्रकरण को मैं स्वयं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लेकर गया था और इसकी जांच हेतु गठित एसआईटी के समक्ष भी मैंने अनेक तथ्य रखे थे, इसलिए मेरा मानना है कि इस मामले में न्याय की रक्षा के लिए शासन को कुछ कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जो छात्र ‘इम्पेरिकल रूल’ के अंतर्गत आते हैं और जिनके खिलाफ पैसों के लेन-देन के प्रमाण भी हैं तथा जिनके खिलाफ कॉल डिटेल्स के रुप में सबूत उपलब्ध हैं उन्हें अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी गवाह बनाया जाना चाहिए।

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दिग्विजय ने सरकार को दिए कई सुझावः सिंह ने कहा कि इसके अलावा ऐसे अनेक आरोपी हैं जिनका चयन नहीं हुआ है लेकिन उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए हैं। ऐसे प्रकरणों को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि ऐसे छात्र जिनके खिलाफ पैसों के लेन-देन के कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं या उन्होंने नीट परीक्षा संबंधित वर्ष में उत्तीर्ण की है, उनके खिलाफ दर्ज प्रकरण वापस लिए जाने चाहिए। कांग्रेस नेता ने मांग की कि ऐसे छात्र जो इम्पेरिकल रूल के तहत आते हैं लेकिन उनके खिलाफ पैसों के लेन-देन के कोई सबूत नहीं है और जो परीक्षा में पुन: शामिल होने की आयु सीमा से बाहर हो गए हैं। उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जानी चाहिए।

हरियाणा की तरह अभ्यर्थियों को ही बनाएं सरकारी गवाहः पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापमं घोटाले से मध्य प्रदेश की छवि काफी खराब हुई। इसमें पीएमटी प्रवेश घोटाले में 1450 अभ्यर्थियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए तथा इनके परिजनों को भी आरोपी बनाया गया। इस प्रकार लगभग 3000 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इस घोटाले ने 45 से अधिक लोगों की जान भी ले ली है। सिंह ने कहा कि पूर्व में हरियाणा में भी शिक्षकों की भर्ती का बड़ा घोटाला सामने आया था, जिसमें पूरे सच को सामने लाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अभ्यर्थियों को सरकारी गवाह बनाया गया था, जिसकी वजह से मुख्य आरोपियों को सजा मिल सकी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भी ऐसा करके व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपियों को कानून के दायरे में लाकर सजा दिलवाई जा सकती है।

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