राजस्थान कांग्रेस में मचे बवाल को लेकर पार्टी हाईकमान बेहद नाराज है। विधायकों की बगावत को लेकर कई पार्टी नेता अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इस बीच कांग्रेस हाईकमान ने गहलोत के 3 वफादार विधायकों के खिलाफ घोर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी ने उनसे 10 दिन के अंदर इस पर जवाब देने को कहा है।

रविवार को राजस्थान में मचे बवाल के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्य प्रभारी अजय माकन विधायक दल की बैठक करने जयपुर पहुंचे थे। हालांकि, गहलोत खेमे के विधायकों ने मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही तीन विधायकों ने एक मीटिंग कर अगले मुख्यमंत्री के लिए एक प्रस्ताव पास किया। अजय माकन ने राज्य में चल रहे इस राजनीतिक ड्रामे पर एक रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपी थी, जिसमें 3 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की सलाह दी गई थी।

इस लिस्ट में जिन 3 लोगों का नाम शामिल है, वो चीफ व्हिप महेश जोशी, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठोड़ और शांति धारीवाल हैं। अब पार्टी ने इसे घोर अनुशासनहीनता बताते हुए उनके खिलाफ एक कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिस पर उन्हें 10 दिन के अंदर जवाब देना होगा।

विधायकों की इस मीटिंग के दौरान, 2020 में गहलोत के प्रतिद्वंदी रहे सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर असहमति जताई गई थी। विधायकों ने एक प्रस्ताव पास कर कहा कि अगला मुख्यमंत्री उनमें से होना चाहिए, जिन्होंने अपना समर्थन देकर सरकार बचाने का काम किया था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी धमकी दी थी अगर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया गया, वो सब संयुक्त रूप से इस्तीफा दे देंगे।

विधायकों ने अपनी मांगों की एक लिस्ट केंद्रीय नेताओं के सामने रखी, जिसमें कहा गया कि अगर गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें अपना उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार दिया जाए। राजस्थान में मचे इस घमासान के बाद यह साफ नहीं हो पा रहा है कि अब गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हैं या नहीं। हालांकि, इस सबके चलते गांधी परिवार सालों से वफादार रहे अशोक गहलोत से नाराज है। कुछ सूत्रों का कहना है कि गहलोत अपना नामांकन भरेंगे।