बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार हुई। सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस की रही। कांग्रेस के केवल 6 प्रत्याशी ही चुनाव जीत पाए। 2010 में कांग्रेस के चार विधायक जीते थे। वहीं 2025 में उसके महज 6 प्रत्याशी चुनाव जीत पाए। दिल्ली में इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने बैठक की थी। वहीं इसके बाद बिहार की राजधानी पटना में भी कांग्रेस की राज्य इकाई ने समीक्षा बैठक की। बैठक में सभी जिलाध्यक्षों को बुलाया गया था।

15 जिलाध्यक्षों को कांग्रेस ने भेजा कारण बताओ नोटिस

कांग्रेस की बिहार इकाई ने मंगलवार को अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए 15 जिलाध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद सदाकत आश्रम में सोमवार को बुलाई गई समीक्षा बैठक में इन जिलाध्यक्षों की अनुपस्थिति को पार्टी नेतृत्व ने लापरवाही और संगठनात्मक अनुशासन के उल्लंघन के रूप में देखा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि समीक्षा बैठक चुनावी हार के कारणों की पड़ताल, संगठनात्मक खामियों की पहचान और आगामी चुनावी रणनीति के निर्माण के लिए अहम मानी जा रही थी। इसके बावजूद कई जिलाध्यक्षों ने पूर्व सूचना के बावजूद बैठक में शामिल होने को आवश्यक नहीं समझा।

वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इस उदासीनता से संगठनात्मक ढांचे की कमजोरी और नेतृत्व के प्रति ढीले रवैये का संकेत मिलता है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजेश राम और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने बैठक में साफ कर दिया कि संगठन अब किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी जिलों की इकाइयों पर है और अगर यही इकाइयां सक्रिय न रहें, तो संगठन का भविष्य प्रभावित होगा।

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समीक्षा बैठक में विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी-विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए 43 नेताओं की सूची भी चर्चा में रही। प्रदेश नेतृत्व ने इन नेताओं पर कार्रवाई के लिए केंद्रीय नेतृत्व से अनुमति मांगी है। पार्टी का मानना है कि समय पर सख्त कदम उठाए जाते तो कई सीट पर मुकाबला और मजबूत हो सकता था।

इन नेताओं को मिला नोटिस

जिन जिलाध्यक्षों को नोटिस दिया गया है उनमें प्रमोद सिंह पटेल (पश्चिम चंपारण), शशिभूषण राय (पूर्वी चंपारण), शाद अहमद (अररिया), सुबोध मंडल (मधुबनी), सुनील यादव (कटिहार), गुरुजीत सिंह और उदय चंद्रवंशी (पटना ग्रामीण), आर. एन. गुप्ता (सुपौल), परवेज आलम (भागलपुर), अनिल सिंह (जमुई), मनोज पांडेय (बक्सर), उदय मांझी (गया), अरविंद कुमार (लखीसराय), इनामुल हक (मुंगेर) और रोशन कुमार (शेखपुरा) शामिल है।