निर्वाचन आयोग द्वारा आप के 20 विधायकों को कथित तौर पर लाभ का पद धारण करने को लेकर अयोग्य ठहराये जाने की सिफारिश कि जाने के बाद दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘‘केजरीवाल को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उनके मंत्रिमंडल के लगभग 50 फीसदी मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों में हटा दिया गया। मंत्रियों का भत्ता प्राप्त कर रहे 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।’’
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘लोकपाल कहां है? विधायक और मंत्री सत्ता और विदेश यात्रा की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं- राजनीतिक ईमानदारी कहां है?’’ ऐसा समझा जाता है कि चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को कथित तौर पर लाभ के पद पर रहने के कारण अयोग्य घोषित किए जाने की अनुशंसा की है। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी गई अपनी राय में चुनाव आयोग ने कहा है कि संसदीय सचिव का उनका पद लाभ का पद था और दिल्ली विधानसभा के विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित होने योग्य हैं।
Kejriwal has no right to continue.
Half of his cabinet ministers removed on corruption charges!
20 MLAs who were enjoying ministerial perks would be disqualified!Where is Lokpal?
The MLAs and Ministers enjoying perks of power and foreign travel-Where is political probity?— Ajay Maken (@ajaymaken) January 19, 2018
वहीं दूसरी तरफ, चुनाव आयोग की ओर से आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश राष्ट्रपति से करने की खबर आने के बाद भाजपा की दिल्ली इकाई ने शुक्रवार को कहा कि यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नैतिक हार है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। आयोग ने जिन विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की है, उन पर लाभ के पद पर होने का आरोप है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी की इकाई किसी भी पल चुनाव के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ‘आप’ विधायकों के मामले की सुनवाई अनुचित ही स्थगित कर रहा था और यह लोगों को महंगा पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ‘आप’ के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करार देने के फैसले का स्वागत करते हैं। अरविंद केजरीवाल को इस नैतिक हार की जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।’’ तिवारी ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की ओर से इस मामले में लंबे समय तक सुनवाई स्थगित किए जाने का फायदा उठाकर इन विधायकों ने न केवल दिल्ली के लोगों को लूटा और धोखा दिया, बल्कि उन्हें विकास से भी वंचित किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस देरी का लाभ लेकर ‘आप’ तीन लोगों को राज्यसभा भेजने में सफल रही है और इस प्रक्रिया ने संसद के उच्च सदन की छवि भी धूमिल की है।’’