कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने ही संसदीय क्षेत्र अमेठी में छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा है। छात्रों के उग्र तेवर को देखते हुए उन्हें अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। राहुल को मंगलवार (16 जनवरी) को अमेठी स्थित एक कॉलेज के कार्यक्रम में शामिल होना था। छात्र सुबह से ही कांग्रेस अध्यक्ष का इंतजार कर रहे थे, लेकिन इंतजार के पल लंबे होते जा रहे थे। इससे छात्रों में गुस्सा बढ़ता गया। वह निर्धारित समय से काफी देरी से आयोजन स्थल पर पहुंचे। उनके पहुंचते ही छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। छात्रों ने राहुल के विरोध में तख्तियां भी लहराईं, जिसपर ‘अमेठी से लापता राहुल गांधी’ लिखा था। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल पहली बार अमेठी पहुंचे हैं। छात्रों ने बताया कि वे सुबह 10 बजे से ही राहुल गांधी का इंतजार कर रहे थे।
राहुल गांधी अमेठी यात्रा के दूसरे दिन कई इलाकों में गए और पदयात्रा भी की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गौरीगंज में राहुल की रैली के दौरान भी कुछ स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए काले झंडे दिखाए। उन्हें मुसाफिरखाना में भी विरोध का सामना करना पड़ा। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी ईश्वर चंद के साथ अपर पुलिस अधीक्षक बीसी दुबे लोगों को समझाने में जुटे रहे। प्रदर्शनकारी राहुल गांधी के आने का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। राहुल अमेठी के मुंशीगंज और चंदौकी भी गए। इस दौरान वह सभी से गर्मजोशी से मिलते नजर आए। कांग्रेस अध्यक्ष ने लोगों की परेशानियां भी सुनीं।
Students create ruckus in Amethi college, shout Pro-Modi slogans after Rahul Gandhi skips event pic.twitter.com/5ufVrkuaT8
— TIMES NOW (@TimesNow) January 16, 2018
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष अपने ही संसदीय क्षेत्र की परवाह नहीं करते हैं, जिसके कारण राहुल के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अमेठी के लोग उनसे सवाल पूछना चाहते हैं, वह लोगों के सवालों से भाग नहीं सकते। बकौल भाटिया, कांग्रेस अपनी सुविधा के अनुसार राजनीति करती है, जब उसे वोटों की जरूरत होती है तभी जनता के बीच जाती है। उनके मुताबिक, लोगों को अब यह बात समझ में आने लगी है। राहुल के इस दौरे में भी इसकी झलक देखी जा सकती है। मालूम हो कि हाल में संपन्न उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में कांग्रेस को अपने गढ़ में झटका लगा था।