Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में 4 जुलाई की रात मशहूर बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हत्या कर दी गई। उन्हें गाड़ी से उतरते वक्त पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में गोली मार दी गई। उनके बेटे को भी 6 साल पहले कुछ इसी तरह मारा गया था। इस हत्याकांड को लेकर कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। दूसरी ओर सीएम नीतीश ने आज कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की और कहा कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

सीएम नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि एक अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में पुलिस महानिदेशक एवं अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध करने वाले कोई भी हों, उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाए।

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कानून व्यवस्था को लेकर दिए निर्देश

सीएम नीतीश कुमार ने एक्स पोस्ट पर जानकारी दी कि घटित आपराधिक घटनाओं के जांच कार्यों में तेजी लाने और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को पूरी मुस्तैदी एवं कड़ाई से कार्य करने का निर्देश दिया है।

इस्तीफा दे दें एनडीए और नीतीश

दूसरी ओर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि मैंने (गोपाल खेमका) परिवार के सदस्यों से बात की। उन्होंने मुझे बताया कि घटना के बाद सीनियर एसपी, डीएसपी और स्थानीय थाने में फोन किया गया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट को फोन किया गया, जिन्होंने फोन उठाया। उन्हें बताया गया कि पुलिस जवाब नहीं दे रही है और हमें मदद की ज़रूरत है।

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट को फोन करने के तीन घंटे बाद पुलिस पहुंची। नीतीश कुमार का शासन बीमार हो गया है। नीतीश कुमार और एनडीए गठबंधन को इस मुद्दे पर इस्तीफा देना चाहिए और पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।

तेजस्वी बोले- इसे क्यों नहीं कहते जंगलराज?

वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर वर्तमान सरकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पटना में थाने से कुछ ही कदम दूर, बिहार के एक प्रमुख व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई! तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यापारियों की हत्या की जा रही है, लेकिन हम इसे जंगल राज नहीं कह सकते? क्योंकि यही तो शास्त्रों में मीडिया मैनेजमेंट, परसेप्शन मैनेजमेंट और इमेज मैनेजमेंट कहते हैं।

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प्रशांत किशोर ने भी उठाएं सवाल

इस मामले में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू यादव के जंगल राज और नीतीश कुमार के राज में कोई अंतर नहीं है। लालू यादव के राज में अपराधियों का तांडव था और नीतीश कुमार के राज में अधिकारियों का तांडव है। पहले जिस तरह का भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की स्थिति थी, वह आज भी वैसी ही है।

प्रशांत किशोर ने कहा है कि पटना में इतने बड़े व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है और कोई कार्रवाई नहीं होती। कल ही सीवान में तीन लोगों को गोली मार दी गई। यह रोज की बात है। यह अधिकारियों का राज है, जो अपनी मर्जी से काम चला रहे हैं।

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