हरियाणा में जाट आंदोलन को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को नई दिल्ली के हरियाणा निवास में भाजपा विधायकों के साथ बैठक की। इस दौरान वह रो पड़े। सूत्रों के मुताबिक सत्ताधारी भाजपा विधायक जब लूट, आगजनी, रेप और हिंसा के वाकया बयान कर रहे थे तो उन्हें सुन कर खट्टर के आंसू निकल गए। उन्होंने कहा कि यह तो वैसा ही था जैसा पंजाबी समुदाय को देश के बंटवारे के वक्त झेलना पड़ा था। खट्टर खुद भी पंजाबी हैं।
सूत्रों का यह भी कहना है कि बैठक में काफी भावुक माहौल बन गया था और खट्टर के अलावा कई दूसरे नेता भी रो पड़े थे। इनमें वित्त मंत्री अभिमन्यु भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रोहतक में उनके घर को भी निशाना बनाया गया, मानो इन सबके लिए वही जिम्मेदार हों। उन्होंने इसे बेहद अफसोसनाक बताया।
बैठक में भाजपा के 47 और खट्टर सरकार को समर्थन देने वाले पांच निर्दलीय विधायक थे। साढ़े चार घंटे चली बैठक में 35 विधायकों ने अपनी बात रखी। इस दौरान भाजपा के महासचिव (संगठन) राम लाल और हरियाणा के प्रभारी महासचिव अनिल जैन भी मौजूद थे।
बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री विक्रम सिंह ठेकेदार ने सवाल उठाया कि जाट समुदाय से आने वाले अभिमन्यु और ओम प्रकाश धनकर को बेशुमार विभाग क्यों सौंपे गए हैं। अभिमन्यु के पास एक दर्जन से ज्यादा विभाग हैं, जबकि धनकर कृषि मंत्री होने के अलावा करीब आधा दर्जन विभाग संभाल रहे हैं।
शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने शिकायत की कि प्रशासन में सत्ताधारी विधायकों की बात कोई नहीं सुनता। यहां तक कि पटवारी भी भाजपा विधायक की सिफारिशों पर ध्यान नहीं देता। उन्होंने उदाहरण दिया कि पश्चिम बंगाल में वामपंथियों का शासन 40 साल इसीलिए चला क्योंकि माकपा के जिला पदाधिकारियों की भी प्रशासन में चलती थी। पुंडरी के विधायक दिनेश कौशिक ने तो पुलिस पर ही उनका घर जलाने का आरोप लगाया। सफीदों से निर्दलीय विधायक जसबीर देसवाल अपने खिलाफ हिंसा का केस दायर होने से नाराज दिखे। एक और विधायक ने कहा कि जाति-संघर्ष की स्थिति बन गई है। इससे निपटने के लिए तत्काल इंतजाम करने होंगे।
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