हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने साल 2019 में एंटी करप्शन सेल बनाने का ऐलान बड़े धूमधाम से किया था लेकिन 2021 में जब इसके बारे में RTI के माध्यम से जानने की कोशिश की गई तो सरकार के पास कोई जवाब नहीं मिला। सीएम खट्टर ने 9 दिसंबर 2019 को इंटरनेशनल एंटी करप्शन-डे के मौके पर पंचकूला जिले में एक कार्यक्रम किया था, इस भव्य कार्यक्रम में सरकार की तरफ से यह घोषणा की गई कि राज्य में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एंटी करेप्शन सेल बनाया गया है, सरकार ने बकायदा बड़े बड़े बैनर और पोस्टर लगाकर, अखबारों में विज्ञापन के जरिए इसकी जानकारी भी दी थी।
RTI एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने इस कार्यक्रम के तहत की गईं घोषणाओं को लेकर सवाल पूछा तो जवाब हैरान करने वाला मिला। पीपी कपूर ने बताया कि 24 नवम्बर को सीएम सचिवालय में RTI लगाई थी, इसके जवाब में जनसूचना अधिकारी ने 14 दिसम्बर द्वारा बताया गया कि सीएम द्वारा की गई ऐसी कोई भी घोषणा कार्यालय रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं है।
आरटीआई कार्यकर्ता ने सरकार के इस जवाब पर हैरानी जताते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने इस भव्य समारोह पर लाखों रुपये खर्च कर दिए हैं। मीडिया में विज्ञापन देकर खूब वाहवाही भी बटोर ली और अब कह रहे हैं कि ऐसी घोषणा रिकॉर्ड में ही नहीं है।
कपूर ने बताया कि इसी सवाल पर 2 साल पहले उनकी RTI के जवाब में चीफ सेक्रेटरी विजिलेंस डिपार्टमेंट के जन सूचना अधिकारी दिनेश शर्मा ने बताया था कि सेल बनाने का काम सरकार में विचाराधीन है लेकिन अब सरकार मुकर रही है। उन्होंने कहा कि इससे साफ हो गया कि खट्टर सरकार करप्शन को खत्म नही करना चाहती है इसीलिए आज राज्य में नौकरियां चौराहे पर नीलाम हो रही हैं, चारों ओर भ्रष्ट्राचार ही भ्रष्टाचार है।
सरकार की घोषणाओं के अनुसार: हरियाणा के मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि राज्य में एंटी करप्शन सेल, किसी भी नागरिक द्वारा (ऑडियो या वीडियो प्रूफ समेत) भेजी गई हर शिकायत पर तुरंत जांच करेगा। शिकायतकर्ता की आइडेंटीटी को पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा। शिकायत सही पाए जाने पर शिकायतकर्ता को इच्छा के अनुसार सम्मानित और पुरूस्कृत किया जाएगा।