मध्य प्रदेश में रबी सीजन में किसानों के सामने यूरिया का संकट खड़ा हो गया है। जिसके चलते पिछले पांच दिनों से प्रदेश में अलग अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को सीएम कमलनाथ एक्शन मोड में नजर आए। कमलनाथ ने रेलवे ट्रैक और खाद के लिए केंद्रीय मंत्रियों से बात की और मार्कफेड की एमडी स्वाति मीणा को दिल्ली रवाना किया। वहीं सरकार के आदेश पर अशोकनगर में मंडी की निजी दुकानों से खाद लेकर नाराज किसानों को सरकारी रेट पर बंटवाई गई।

800 टन यूरिया आया
प्रदेश में यूरिया की भारी कमी को देख आनन- फानन में 800 टन यूरिया भिजवाया गया। जिसे सोमवार को बटवाया जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर चुनावों के ठीक बाद प्रदेश में यूरिया की इतनी किल्लत कैसे हो गई। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के हिस्से का यूरिया राजस्थान, हरियाणा और पंजाब भिजवा दिया गया। दिसंबर के महीने में 4 लाख टन यूरिया की प्रदेश को डिमांड थी लेकिन सिर्फ सवा लाख टन की भेजा गया। वहीं जब हालात बिगड़े तो राज्य सरकार ने अब जल्दबाजी में मार्कफेड की एमडी स्वाति मीणा को दिल्ली भेजा।

मंत्रालय ने की बैठक
शुक्रवार को कृषि उत्पादन आयुक्त पीसी मीणा ने खाद निर्माता कंपनियों को मंत्रालय बुलाकर बैठक की। साथ ही कहा कि तय प्रावधान के मुताबिक आपूर्ति की जाए। उम्मीद की जा रही है कि सड़क मार्ग और रेलवे रैक से जल्द ही मप्र को खाद मिलना शुरू हो जाएगी।

कहां कैसे हैं हाल
रायसेन में तीन दिन से किसानों का प्रदर्शन जारी, चक्काजाम भी किया गया। जानकारी के मुताबिक यहां 23 दिसंबर को यूरिया वितरण होगा।
गुना में दो दिन पहले 10 ट्रक यूरिया आया था पर वो ज्यादा किसानों के काम नहीं आया। जिसके चलते प्रदर्शन हुआ।
विदिशा में पांच हजार मेट्रिक टन खाद मंगलवार का बांटी जाएगी।
सागर, होशंगाबाद और जबलपुर आदि जिलों में भी यूरिया को लेकर दिक्कत आ रही है।

केन्द्र का दावा
प्रदेश में आठ रेलवे रैक की प्रतिदिन डिमांड है। केन्द्र सरकार से बार बार बात करने के बाद अब वो 5 रैक देने को तैयार हुई है।
आने वाले कुछ दिन में 85 रैक यूरिया मप्र पहुंचेगा। शुक्रवार को एक रैक गुना, दो शाजापुर और एक रैक खंडवा पहुंची है।
अगले 24 घंटे में 22 हजार टन यूरिया आ जाएगा, जिससे थोड़ी स्थिति सुधरेगी। सरकार का दावा है कि रास्ते में 85 रैक हैं, जिसके एक-दो सप्ताह में मप्र पहुंचने की संभावना है। एक रैक में 2500 से 2800 टन यूरिया होता है।

किसका क्या है कहना
कमलनाथ, मुख्यमंत्री, मप्र: रबी के सीजन में यूरिया के संकट को देखते हुए किसान भाइयों को यूरिया मिले इसके लिए राज्य सरकार गंभीर है। आपूर्ति बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार से भी चर्चा की गई है। उम्मीद है स्थिति में सुधार होगा।

सदानंद गौड़ा, केन्द्रीय उर्वरक मंत्री: मध्य प्रदेश, राजस्थान , छत्तीसगढ़ में यूरिया की कोई कमी नहीं है, बल्कि तीनों राज्यों को मांग से ज्यादा यूरिया प्रदान किया गया है। यूरिया की कमी के आरोप में राजनीतिक मुद्दा है।

 

डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव, कृषि विभाग: एनएफएल और चंबल फर्टिलाइजर अपने प्लांटों से मध्यप्रदेश को तेजी से यूरिया की आपूर्ति करेंगे। ग्वालियर , मुरैना, दतिया सहित मालवा- निमाड़, रायसेन, बोपाल और सीहोर जिले के किसानों को यूरिया बांटा जाएगा।