राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा दांव चला है। उन्होंने राज्य के सभी बेरोजगारों को हर महीने 3000-3500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया। इसके तहत बेरोजगार लड़कों को हर महीने तीन हजार और लड़कियों को 3500 रुपए मिलेंगे। यह रकम एक मार्च से सभी बेरोजगारों के बैंक खाते में जमा की जाएगी। हालांकि, यह भत्ता सिर्फ उन्हीं बेरोजगारों को मिलेगा, जिन्होंने खुद को रोजगार कार्यालय में पंजीकृत करा रखा है। सीएम गहलोत ने यह घोषणा गुरुवार को राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन करते वक्त की।
यह बोले सीएम गहलोत : कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान सीएम गहलोत ने कहा, ‘‘हमने अपने घोषणा-पत्र में सभी बेरोजगारों को 3500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। कल एक फरवरी है। आप दिन गिनना शुरू कर दीजिए और 1 मार्च से हम सभी बेरोजगारों को 2 साल तक 3500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देंगे। राजस्थान में बेरोजगारों को अब तक 600 रुपए बेरोजगारी भत्ता मिलता है। यह योजना भी हमने ही शुरू की थी।’’
बेरोजगार युवाओं को भत्ते के रूप में 600 रुपये देने की शुरुआत भी मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने ही की थी जिसे मेनिफेस्टो में बढ़ाकर हमने 3500 किया था, अब 1 मार्च से लड़कों को 3000 और लड़कियों को 3500 रुपये बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। #Rajasthan pic.twitter.com/yOE1WGxmFL
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 31, 2019
सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने भरवाए थे फॉर्म : बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान के कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने बेरोजगारों से वादा किया था कि अगर वे सत्ता में आए तो उन्हें बेरोजगारी भत्ता देंगे। इसके तहत एक मुहिम चलाकर युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने बेरोजगारों से फॉर्म भरवाए थे।
8 फरवरी को यह मुद्दा उठाने वाली थी बीजेपी : राजस्थान बीजेपी के नेता गहलोत सरकार से लगातार पूछ रहे थे कि बेरोजगारों का भत्ता कब शुरू करेंगे। इसके मद्देनजर वे 8 फरवरी को आंदोलन करने की तैयारी में थे। सीएम अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘हमें सरकार आए अभी 45 दिन ही हुए हैं, लेकिन हमने घोषणापत्र में किए वादों को पूरा करना शुरू कर दिया है। यह दिखाता है कि अपने वादों के प्रति हम कितने ज्यादा गंभीर हैं।’’
4 लाख बेरोजगारों ने कराया रजिस्ट्रेशन : सूत्रों का कहना है कि सरकार के लिए यह योजना लागू करना आसान नहीं है। कांग्रेस और बीजेपी ने जब बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया तो पिछले 3 महीनों में करीब 4 लाख लोगों ने बेरोजगार के तौर पर रोजगार कार्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया। ऐसे में किसान कर्ज माफी के लिए पैसा जुटाने में जुटी राजस्थान सरकार पर बेरोजगार भत्ता वित्तीय भार बन सकता है।