राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने कार डीलरों की याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से डीजल कारों की सीमित और सड़क से हटाने और निजी कार का इस्तेमाल न करने वालों को प्रोत्साहन देने की घोषणा के संबंध में बुधवार तक अपना रुख साफ करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि कार डीलरों ने एनजीटी के सख्त आदेश में संशोधन की मांग की है।

एनजीटी चेयरमैन न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाले पीठ ने नए डीजल वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध संबंधी ओदश के संबंध में परिवहन, पर्यावरण और वन मंत्रालय और भारी उद्योग मंत्रालय, दिल्ली सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए हंै। दिल्ली के कार डीलरों की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील पिनाकी मिश्रा ने कहा कि न्यायाधिकरण का यह आदेश बेहद सख्त है कि राजधानी में नए डीजल वाहनों का पंजीकरण नहीं होगा।

मिश्रा ने कहा, हमारे पास 2015 का स्टाक पड़ा है और एनजीटी के आदेश से 2016 में इसका निपटान मुश्किल होगा। हालांकि हरित न्यायाधिकरण ने कहा कि ऐसे ही मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में होनी है इसलिए कोई निर्देश जारी करना उचित नहीं है।

पीठ ने कहा कि अगर एक जैसा मामला सर्वोच्च न्यायालय में है तो हमारी ओर से कुछ भी कहना उचित नहीं है। न्यायाधिकरण ने हालांकि सभी संबद्ध पक्षों को पुरानी कारों पर सीमा लगाने और उन्हें हटाने और निजी वाहन का उपयोग न करने वालों को प्रोत्साहन देने के संबंध में बुधवार तक अपना जवाब देने के लिए कहा है।