बिहार की सत्ताधारी एनडीए गठबंधन में सहयोगी दलों के बीच रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही है। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज (शनिवार, 15 अगस्त) पटना में पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई। बैठक में पांचों सांसद समेत दोनों विधायक भी शामिल हुए। बैठक से पहले पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर फिर निशाना साधा और बाढ़ में बदइंतजामी को लेकर सवाल उठाए। यह बैठक चिराग पासवान के पटना स्थित आवास पर हुई थी।

चिराग ने कहा कि बिहार में बाढ़ और कोरोना संक्रमण दोनों बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इसी पर चर्चा के लिए पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई गई थी लेकिन जिस तरह से वो पिछले कई दिनों से सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैंऔर खुले तौर पर उनकी आलोचना कर रहे हैं, उससे सियासी गलियारों में इसकी चर्चा होने लगी है कि क्या पासवान बिहार विधान सभा चुनाव से पहले एनडीए छोड़ देंगे?

वैसे कुछ लोगों को मानना है कि लोजपा और जेडीयू के बीच चल रही सियासी लड़ाई विधान सभा चुनावों में अधिक सीट पाने की प्रेशर पॉलिटिक्स है। दो दिन पहले नीतीश कुमार के खास जेडीयू सांसद ललन सिंह ने चिराग पासवान को कालीदास बताया था। इस पर लोजपा बिफर पड़ी थी और उसे पीएम मोदी का अपमान करार दिया था।

सूत्र बता रहे हैं कि लोजपा 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 43 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन नीतीश कुमार उन्हें 30 से ज्यादा सीट नहीं देना चाह रहे हैं। उधर, नीतीश भी चिराग के बार-बार सरकार विरोधी बयान और चिट्ठी से परेशान हो चुके हैं। नीतीश इससे असहज बताए जा रहे हैं।

बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में साल 2015 में नीतीश ने लालू यादव की राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और जीतकर सरकार बनाई थी, जबकि लोजपा बीजेपी संग चुनाव लड़ी थी और दो सीट जीत पाई थी। लोजपा 2015 की ही तरह सीट बंटवारे में हिस्सेदारी चाहती है लेकिन नीतीश 2010 के फार्मुले पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।