Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के कटनी में बच्चों को जबरन ईसाई प्रार्थना करवाने का मामला सामने आया है। इस पूरे मामले की शिकायत बच्चों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो से की थी। जिसके बाद NCPCR के अध्यक्ष कटनी जिले पहुंचे। यहां उन्होंने झिंझरी स्थित एक मिशनरी संस्था का औचक निरीक्षण किया और बच्चों से बात की।
बच्चों के पास से मिलीं ईसाई धर्म की किताबें
NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को आदिवासी व दलित बच्चों ने बताया कि उनको क्रिश्चिन प्रार्थना करने के लिए बाध्य किया जाता है। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उनको स्कूल में दवाई और खेल से लेकर पढ़ाई-लिखाई में परेशान किया जाता है। प्रियंक कानूनगो को बच्चों के पास से ईसाई धर्म की किताबें भी मिली हैं। वहीं बच्चों को नियमानुसार उनके उपयोग की सामग्री न दिए जाने, उनके निजी दस्तावेजों से छेड़छाड़ किए जाने, उनके गलत दस्तावेज तैयार किए जाने के प्रमाण मिले हैं। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने माधवनगर थाने पहुंचे मामला दर्ज कराया है।
बच्चों के ईसाई धर्म की प्रार्थना करने के लिए किया जाता था मजबूर
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें कटनी जिले के झिंझरी स्थित एक मिशनरी संस्था में रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चों से शिकायत मिली थी। बच्चों की शिकायत थी कि यहां लंबे वक्त से एससी-एसटी के बच्चों क्रिश्चिन प्रार्थना करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उनको परेशान किया जाता है। शिकायत के बाद औचक निरीक्षण किया गया।
कानूनगो ने बताया कि इस दौरान बच्चों ने बताया कि उनसे जबरदस्ती क्रिश्चिन धर्म की प्रार्थना करवाई जाती है। ऐसा न करने पर उनको परेशान किया जाता है। खेल में भाग नहीं लेने दिया जाता है। बच्चों ने बताया कि दीपावली के दिन भी जोर देकर ईसाई धर्म की प्रार्थना करवाई गई थी। वहीं यह बताया जाता कि इस मिशनरी संस्था को विदेशों से फंडिंग होती है।
विभागीय अधिकारी भी शामिल: प्रियंक कानूनगो
प्रियंक कानूनगो ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले में विभागीय अधिकारी भी शामिल हैं। फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो कटनी में ही रुक गए हैं और जांच में शामिल होने की बात कही है। वहीं माधवनगर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने कहा की इस पूरे मामले में रिपोर्ट दर्ज कर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।