पंजाब कांग्रेस में उठापठक अभी शांत भी नहीं हुई है कि अब छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस के अंदर हलचल मचने लगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच जारी अंदरूनी लड़ाई अभी भी थमती नहीं दिख रही है।
ताजा घटना क्रम के अनुसार छत्तीसगढ़ के 13 विधायक अचानक दिल्ली रवाना हो गए। छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी कांग्रेस के ये विधायक, बृहस्पत सिंह के नेतृत्व में बुधवार को दिल्ली पहुंचे। इन विधायकों ने पार्टी आलाकमान से मुलाकात की मांग की। ये विधायक छत्तीसगढ़ सदन पहुंचे और राज्य में परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठाई।
कहा जाता है कि ये विवाद उस फॉर्मूले के कारण उतपन्न हुआ है, जिसके अनुसार ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सहमति हुई थी। जिस समय भूपेश बघेल को दिसंबर 2018 में मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, उस समय ढाई साल के मुख्यमंत्री के रोटेशन फॉर्मूले पर सहमति हुई थी, जिसमें सरकार के कार्यकाल के बाद के हिस्से का नेतृत्व वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव करेंगे।
अब सरकार के ढाई साल पूरे हो चुके हैं। मिली जानकारी के अनुसार अब सिंहदेव मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक रहे हैं। आलाकमान से सिंहदेव और बघेल की कई बार मुलाकात भी हो चुकी है। हर बार कहा जाता है कि सब ठीक है, लेकिन फिर कुछ दिनों बाद ही दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो जाता है।
सूत्रों के अनुसार टीएस सिंहदेव किसी भी तरह से सीएम की कुर्सी के अलावा कुछ भी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। भूपेश बघेल ने इससे पहले कहा था कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उन्हें राज्य सरकार चलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। जब वे उनसे ऐसा करने के लिए कहेंगे तो वह इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री पद की मांग करने वाले राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर रहे हैं। इस बीच, बघेल के करीबी विधायकों ने कहा है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन से पंजाब और राजस्थान जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
विधायकों के दिल्ली पहुंचने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभी चुप्पी साधे हुए हैं। बताया ये भी जा रही है सिंहदेव के भी कुछ समर्थक विधायक दिल्ली आलाकमान से मिलने के लिए पहुंच सकते हैं।