छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक स्कूल के प्रिंसिपल को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर आरोप है कि प्रिंसिपल ने लगभग 15 लोगों की एक सभा में भाषण दिया था और उनसे हिंदू देवताओं पर विश्वास न करने के लिए कहा था।

60 साल के रतनलाल सरोवर ने 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के दिन रतनपुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मोहतराई गांव में भाषण दिया था। एकत्रित गांव निवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कई हिंदू देवताओं का नाम लिया और उनकी पूजा न करने की शपथ दिलाई। इसके बजाय उन्होंने वहां उपस्थित लोगों से बौद्ध धर्म का पालन करने के लिए कहा।

धार्मिक भावनाओं को किया आहत

रतनलाल सरोवर भरारी गांव में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल थे। भाषण का एक वीडियो बाद में यूट्यूब पर अपलोड किया गया, जिसके बाद रूपेश शुक्ला नाम के एक हिंदू राइट विंग एक्टिविस्ट ने शिकायत लेकर स्थानीय पुलिस से संपर्क किया। रूपेश शुक्ला ने शिकायत की कि प्रिंसिपल रतनलाल के भाषण से सनातन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

प्रधानाध्यापक के खिलाफ मिली शिकायत पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “अपने बयान में रतनलाल सरोवर ने हमें बताया कि वह लोगों से बी आर अंबेडकर की शिक्षाओं का पालन करने के लिए कह रहा था। उसने बताया कि वह एक हिंदू है लेकिन अंबेडकर की शिक्षाओं में विश्वास करता है।”

न्यायिक हिरासत में हैं प्रिंसिपल

रतनपुर पुलिस थाना प्रभारी, देवेश सिंह राठौड़ ने कहा, “शिकायत के आधार पर, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295 A (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।” रतनलाल सरोवर फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। शिकायत के आधार पर 28 जनवरी को रतनलाल को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के बाद जिले के शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल रतनलाल को निलंबित कर दिया।