Agnipath Scheme: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की हिशा बघेल (Hisha Baghel) प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर (Agniveer) बन गई हैं। उनका चयन नेवी के लिए हुआ है। हिशा फिलहाल ओडिशा के चिल्का में इंडियन नेवी से सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट का प्रशिक्षण ले रही हैं। उनकी यह ट्रेनिंग मार्च तक चलेगी जिसके बाद वह देश की सुरक्षा के लिए तैनात हो जाएंगी।
Agnipath Scheme के लिए खुद की तैयारी
खास बात यह है कि हिशा ने अग्निवीर बनने के लिए खुद को स्वयं ही प्रशिक्षित किया है। इसके लिए वह स्कूल के दिनों से ही हर दिन दौड़ और योग के जरिए खुद को तैयार कर रही थीं। हिशा की सफलता पर उनकी मां ने कहा, “मुझे बहुत गर्व है। वह बहुत मेहनती है और ट्रेनिंग के लिए सुबह 4 बजे उठ जाती थी। हमने अपनी जमीन और कार बेच दी है और पैसे का इस्तेमाल बच्चों को शिक्षित करने के लिए और मेरे पति के इलाज के लिए किया है जो कैंसर से पीड़ित हैं।”
पिता ने पढ़ाई के लिए बेचा ऑटो
हिशा की मां ने बताया कि पिता संतोष बघेल ने बच्चों की पढ़ाई को लेकर किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि हिशा के पिता कैंसर से जूझ रहे हैं। परिवार का पेट पालने और बेटी को पढ़ाने के लिए उन्होंने अपना ऑटो और जमीन तक भी बेच दी। हिशा ने भी परिवार के खर्चों में हाथ बंटाने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम किया।
वहीं, हिशा बघेल के अग्निपथ योजना में सेलेक्शन पर उनकी स्कूल टीचर ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि हमारे स्कूल की एक छात्रा को पहली महिला अग्निवीर के रूप में चुना गया है। वह बहुत मेधावी छात्रा थी। वह खेलों में भी अच्छी थी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद वह कामयाब हो पाई।”
Hisha Baghel Agniveer: कॉलेज में जॉइन की NCC
हिशा दुर्ग के छोटे से गांव बोरी गारका की रहने वाली हैं। अग्निवीर बनने के लिए उन्होंने खुद से ही ट्रेनिंग की थी। स्कूल के दिनों में ही वह रोज सुबह दौड़ लगाने जातीं थीं। उन्होंने तैयारी के लिए योग का भी सहारा लिया। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही हिशा ने एनसीसी में शामिल होने का फैसला किया। एनसीसी की ट्रेनिंग के दौरान ही अग्निवीर के फॉर्म निकले और हिशा ने भी इसके लिए अप्लाई किया। जल्द ही उनका सेलेक्शन भी हो गया।
हिशा बघेल ने अग्निवीर की तैयारी के लिए गांव में युवकों के साथ दौड़ने का अभ्यास किया। ऐसा करने वाली वह गांव की पहली और अकेली लड़की थी।