छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल अक्सर आम लोगों से काफी करीब से मिलना-जुलना पसंद करते हैं। जब वह दौरों पर जाते हैं तो ऐसा कई बार होता है। अगले साल 2023 में राज्य में विधानसभा चुनाव भी होना है। इसलिए सीएम इन दिनों लोगों से खूब भेंट-मुलाकात कर रहे हैं। मंगलवार को वह बस्तर जिले के चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे। जब वे वहां के किलेपाल हाट बाजार से होकर जा रहे थे, तभी सड़क पर महिलाओं के श्रृंगार की चीजें बेचने वाले एक दुकानदार ने उनसे कुछ खरीदने की गुहार लगाई तो वे वहां बिंदी खरीदने चले गए। इस दौरान सिंदूर देख वे बोले- वो भी दो।

इससे पहले वे नक्सल प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा और बक्सर जिलों का दौरा किया और आम लोगों से मिलकर कहा कि अब यहां बदलाव हो रहा है। सोशल मीडिया पर लिखा- “दंतेवाड़ा अब बदल रहा है, बस्तर अब बदल रहा है।”

भूपेश बघेल ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसको शेयर भी किया है। उन्होंने लिखा, बस्तर के बड़े किलेपाल हाट बाज़ार में दुकानदार बसंत राय ने आवाज़ दी, “कका काकी बर टिकली बिंदी ले ले गा” कैसे इनकार करता? हाट बाज़ार से श्रीमती जी के लिए श्रृंगार का सामान खरीदना अपने आपमें बहुत रूमानी है।

हाल ही मेें छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के रोजगार सहायक मानदेय में वृद्धि और नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इसमें मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 और पंचायत कर्मी नियमावली लागू करने की मांगें भी शामिल थीं। इसे लेकर मनरेगा कर्मियों ने दंतेवाडा जिले में सरकार का खिलाफ एक दांडी मार्च भी निकाला था, जिसे सहायक कर्मियों की ओर तिरंगा मार्च नाम दिया गया था।

बाद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में रोजगार सहायकों का मानदेय 9,540 रुपये करने की घोषणा कर दी। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अफसरों के मुताबिक “मुख्यमंत्री बघेल ने मनरेगा के रोजगार सहायकों का मानदेय पांच हजार रुपये से बढ़ाकर 9,540 रुपए करने की घोषणा की है।” उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में आए मनरेगा के रोजगार सहायकों के एक प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान यह घोषणा की। इस दौरान राज्य के उद्योग मंत्री कवासी लखमा भी मौजूद थे।