दिल्ली से सटे यूपी के औद्योगिक शहर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अब पब और बार में सस्ती शराब परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नई आबकारी नीति के तहत, अब पब और बार में केवल एक हजार रुपए प्रति बोतल से अधिक कीमत वाली शराब ही परोसी जाएगी। इस नियम का उद्देश्य नशे में होने वाले झगड़ों को कम करना और बेहतर सामाजिक माहौल स्थापित करना है।
हालांकि, पब और बार मालिक इसे कारोबारियों के सिंडिकेट का दबाव मान रहे हैं, जबकि आबकारी विभाग इसे नई नीति का अनुपालन और सस्ती शराब से जुड़े नशे की समस्या पर अंकुश लगाने का एक कदम बता रहा है। अप्रैल में आबकारी विभाग ने लाइसेंसों का नवीनीकरण किया था और तब से सस्ती शराब को पब और बार में परोसने पर प्रतिबंध था। कारोबारियों को अपने पुराने स्टाक को खत्म करने के लिए कुछ समय की छूट दी गई थी, जो अब सितंबर से पूरी तरह से समाप्त कर दी गई है।
महंगी शराब की खपत बढ़ाने की है तैयारी
जिला आबकारी अधिकारी एसके श्रीवास्तव के मुताबिक, सस्ती शराब के सेवन से हैंग ओवर और नशे में झगड़े होने की संभावना ज्यादा रहती है। इस कारण से यह कदम उठाया गया है। विभाग को उम्मीद है कि महंगी शराब की खपत बढ़ने से लोग शराब पीने के बाद उत्पन्न होने वाली समस्याओं से बचेंगे और पब-बार में एक बेहतर माहौल बनेगा।
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आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में पिछले साल तक एक हजार रुपए से कम कीमत वाली शराब की बिक्री कुल शराब कारोबार का 96 फीसद थी। इसमें 500 से 1000 रुपए तक की शराब की बोतल की बिक्री करीब 71 फीसद रही है। हालांकि पब और बार में एक हजार से कम या ज्यादा कीमत वाली बिक्री का ब्योरा नहीं है। यह नियम केवल पब और बार पर लागू होगा, जबकि शराब की दुकान और माडल वाइन शाप पर इसका असर नहीं पड़ेगा।