Pulwama Attack: केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर रात जम्मू-कश्मीर में तत्काल आधार पर 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करके सीमा पर हलचल बढ़ा दी है। सरकार को अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर पहला फायदा अलगाववादी यासीन मलिक के गिरफ्तारी के रूप में मिला। गृह मंत्रालय के एक ‘तत्काल’ नोटिस के मुताबिक, अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियों को अचानक श्रीनगर भेजा गया। यहां पहले से मौजूद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ ये जवान आगे की रणनीति पर साझा कार्रवाई करेंगे।
यासीन मलिक की गिरफ्तारी: बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में मौजूद अलगाववादी सरकार के निशाने पर हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने पहले उनकी सुरक्षा वापस ली थी। अब अलगाववादियों को गिरफ्तार भी किया जा रहा है। इनमें सबसे पहला नाम यासीन मलिक का है, जो जेकेएलएफ अलगाव संगठन के प्रमुख हैं। इनके अलावा जमात-ए-इस्लामी के कई अलगाववादी नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है। बता दें सोमवार को अनुछेद 35-ए पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, जिससे पहले ही अलगाववादियों की धर-पकड़ शुरू कर दी गई।
लगातार बढ़ाई जा रही सुरक्षा बलों की तैनाती: 14 फरवरी को सीआरपीएफ की 78 गाड़ियों का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटक से भरी कार सीआरपीएफ की बस में टकरा दी थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद घाटी में सुरक्षा बलों की तैनाती लगातार बढ़ाई जा रही है। बता दें कि इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। उसने घटना का वीडियो भी जारी किया था। इसके बाद सेना ने पुलवामा में जैश के कमांडर गाजी राशिद उर्फ कामरान समेत तीन आतंकियों को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। हालांकि, इस दौरान 55 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर समेत 5 सैनिक शहीद हो गए थे।