सुक्रिता बरुआ

CBSE Board 12th Result 2019: स्कूल में हमेशा ट्रॉफियां जीतने वाली 17 वर्षीय सना नियाज के परिवार के पास अपनी बेटी पर गर्व करने की एक और वजह है। पुरानी दिल्ली में रहने वाली 17 वर्षीय सना ने सीबीएसई की तरफ से सरकारी स्कूलों के छात्रों में टॉप किया है। जामा मस्जिद के पास उर्दू मीडियम गर्ल्स स्कूल में पढ़ने वाली सना सीबीएसई कक्षा 12वीं में दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों के छात्रों में टॉप स्कोरर रही। परीक्षा परिणाम गुरुवार (2 मई) को घोषित किया गया था। बता दें कि सना ने परीक्षा में 97.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं।

सभी बहनें एक ही स्कूल से पढ़ींः सना ने सर्वोदय कन्या विद्यालय नंबर-2 के उसी स्कूल से पढ़ाई की है जहां से उसकी बाकी तीनों बहनें पढ़ी हैं। सना की एक छोटी बहन और है जो इस समय नौवीं क्लास में पढ़ रही है। सना की बड़ी बहन उमरा ने भी दो साल पहले 12 वीं क्लास में टॉप किया था। सना के पिता मटिया महल के प्रसिद्ध अल जवाहर रेस्तरां में एक खाना बनाने का काम करते हैं, वहीं मां गृहिणी हैं जिन्होंने केवल आठवीं क्लास तक पढ़ाई की है। सना ने बताया कि उसने कभी कोई ट्यूशन क्लास नहीं ली। अगर उसे किसी भी तरह का कोई डाउट होता था तो वह अपनी बड़ी बहनों की मदद लेती थी।

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इतिहास पसंदीदा विषयः 17 वर्षीय सना ने 12 वीं कक्षा में इतिहास, राजनीति विज्ञान, गृह विज्ञान, अंग्रेजी और उर्दू विषय से पढ़ाई की है। वह आगे दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज में बीए प्रोग्राम की पढ़ाई करना चाहती है। सना ने कहा, ‘भले ही इतिहास मेरा पसंदीदा विषय है, लेकिन मैं ऑनर्स की पढ़ाई नहीं करना चाहती। मैं सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहती हूं।’

पिता नहीं थे शिक्षा के पक्ष मेंः सना की बड़ी बहन इल्मा बताती हैं कि उनके अब तक का सफर ठोकरों से भरा रहा। इल्मा ने कहा,’हमारे पिता शुरू में हमें 12 वीं तक पढ़ाने के पक्ष में नहीं थे। पर हमारी मां ने हमें पढ़ाया और हमें कॉलेज पढ़ने के लिए भेजा।’

नियमित रूप से की पढ़ाईः सना अपनी बहनों में सबसे शांत स्वभाव की है। वह कहती है, ‘मैं अपनी पढ़ाई को लेकर हमेशा नियमित रही हूं। मैं रोज स्कूल से लौटने के बाद घर आकर पढ़ाई करती थी। बोर्ड परीक्षाओं के लिए मैंने समय निर्धारित किया हुआ था कि मैं दो घंटे की पढ़ाई करने के बाद एक घंटे का ब्रेक लूंगी।’ इस बात पर सना की बहन इल्मा ने उसे चिढ़ाते हुए कहा कि सना केवल पढ़ाई में रूचि रखती है। वह हमारे साथ शादियों और अन्य समारोहों में आने से मना कर देती है। वह गलियों के आसपास का इलाका तक नहीं जानती है।

शिक्षकों को दिया सफलता का श्रेयः सना अपनी सफलता का श्रेय अपनी शिक्षिकाओं को देते हुए कहती है कि वो हमेशा उनकी मदद करने को तैयार रहती थीं। सना ने बताया, ‘मैंने उर्दू माध्यम से पढ़ाई की है पर हमारे पाठ्यक्रम में दूसरी समाजशास्त्र की किताब का कोई उर्दू संस्करण नहीं था। मैंने ऑनलाइन अध्ययन सामग्री के साथ-साथ अंग्रेजी और हिंदी की किताबों से अपनी पढ़ाई की।’ बता दें जिस स्कूल से सना ने पढ़ाई की है वहां 12वीं कक्षा का पिछले तीन सालों का रिकॉर्ड 100 प्रतिशत रहा है।

रिश्तेदारों ने कहा बिगड़ जाएंगी लड़कियांः सना की दूसरी बहन इकरा ने बताया कि वह अपने पिता और उनके तीन भाइयों के साथ संयुक्त परिवार में मटिया महल की संकरी गलियों में रहती है। उसने कहा, ‘हमारे रिश्तेदार हमारी मां को कहते थे कि लड़कियों को इतना मत पढ़ाओ वो बिगड़ जाएंगी। हमारे आसपास की गलियों में कोई भी लड़की कॉलेज नहीं गई है। आपको मुश्किल से ही कोई यहां से स्कूल जाता नजर आएगा।’

क्या कहा सना की मां नेः सना की मां आस्मा परवीन कहती है कि वह घृणा से नहीं डरती हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे ईश्वर के आशीर्वाद से पांच बेटियां मिली हैं और मेरे लिए शिक्षा का काफी महत्व है। मेरे रिश्तेदार इस बात से हैरान हैं कि मैंने अपनी बेटियों को घरेलू कामकाज नहीं सिखाया, लेकिन मैं चाहती हूं कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें।’ आस्मा अपनी बेटियों की पढ़ाई में इतनी मशगूल हो गई हैं कि वर्तमान में वो स्कूल प्रबंधन समिति की अध्यक्ष हैं।