डीएलडब्लू के उप डाकघर में हुए पांच करोड़ रुपए के घोटाले की सीबीआइ जांच शुरू हो गई है। घोटाले की जांच की धीमी रफ्तार को देखते हुए डाक विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) से कराने की अपील की थी। सीबीआइ के अधिकारियों ने शनिवार को वाराणसी पहुंचकर जांच शुरू कर दी।

डाक घर में लोगों के खाते से पैसा डाकपाल की मदद से नेट बैंकिंग भुगतान के माध्यम से गायब कर दिए गए। शुरुआती जांच में दो करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आई थी। लेकिन जांच के आगे बढ़ने पर घोटाला और बड़ा होता गया। अब यह करीब पांच करोड़ रुपए का घोटाला हो गया है। करीब एक दशक पहले तेलियाबाग उपडाकघर में में करीब 16 करोड़ रुपए का किसान विकास पत्र घोटाला हुआ था। डाक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पांच करोड़ रुपए के इस घोटाले से चीफ पीएमसी और पीएमसी को अवगत करा दिया गया है। वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मई को यहां आ रहे हैं।

इससे पहले शनिवार को सीबीआइ के अधिकारियों ने डीरेका उप डाकघर समेत अन्य डाकघरों में डेरा डालकर मामले की जांच शुरू कर दी। इस घोटाले के मुख्य आरोपी डाकपाल कुमार अशोक प्रियदर्शी फरार है। एक उप डाकपाल और एक सहायक को निलंबित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। मुख्य आरोपी के सभी बैंक खातों को सीबीआइ ने सीज कर दिया है। पश्चिम मंडल कैंट प्रधान डाकघर के अधीक्षक जीएस सिंह ने बताया की घोटाले की रकम बढ़ सकती है।