केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीमों ने ‘ऑपरेशन कनक 2’ के तहत पंजाब के फतेहगढ़ साहिब और मोगा सहित कई जिलों में अनाज कारोबारियों, चावल मिल मालिकों और भारतीय खाद्य निगम (FCI) के सेवारत और रिटायर्ड अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सीबीआई के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि उन्होंने मंगलवार को एफसीआई के उन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए पंजाब में 30 जगहों पर तलाशी शुरू की, जिन्होंने व्यापारियों और चावल मिल मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए घटिया अनाज खरीदा था।
FCI में एक संगठित सिंडिकेट से जुड़ी FIR में तलाशी का दूसरा दौर
सीबीआई अधिकारी ने कहा कि एजेंसी की टीमों ने ‘ऑपरेशन कनक 2’ के तहत मोहाली, लुधियाना, पटियाला, संगरूर, मोगा, फिरोजपुर, सरहिंद, सुनाम, फतेहगढ़ साहेब सहित पंजाब के कई जिलों में अनाज व्यापारियों, चावल मिल मालिकों और एफसीआई के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। उन्होंने कहा कि एफसीआई में अधिकारियों के एक संगठित सिंडिकेट से जुड़ी हुई प्राथमिकी में तलाशी का यह दूसरा दौर है।
प्राथमिकी के मुताबिक आरोपियों ने कम गुणवत्ता वाले अनाज को कवर करने के लिए प्रति फसल सीजन में निजी मिलरों से एफसीआई गोदामों में अनलोड किए गए प्रति ट्रक 1,000-4,000 रुपये की रिश्वत कथित तौर पर ली थी। जनवरी माह में 74 आरोपियों के खिलाफ दर्ज इस भारी रिश्वतखोरी के मामले की प्राथमिकी की जांच के सिलसिले में सीबीआई की टीम ने यह कार्रवाई की।
नीचे से ऊपर तक अधिकारियों का हिस्सा तय
CBI की दर्ज प्राथमिकी में पंजाब में एफसीआई के कई डिपो में इस तरह की रिश्वत वसूली के बारे में डिटेल्स में बताया गया है। प्राथमिकी के मुताबिक सिडिकेंट ने कारोबारियों से कई तरह के दूसरे एहसान भी हासिल किए। इसमें आरोप लगाया गया है कि एफसीआई में हर स्तर पर कटौती के एक तय प्रतिशत में अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत बांटी गई थी। इसमें नीचे से ऊपर तक तमाम अधिकारियों का हिस्सा बंधा हुआ था।