कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विमान को वाराणसी एयरपोर्ट पर लैंड करने की अनुमति न देने वाले बयान देने को लेकर पूर्व मंत्री अजय राय के खिलाफ फूलपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा वाराणसी एयरपोर्ट के कार्यवाहक निदेशक अजय कुमार पाठक की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है।
राहुल गांधी के प्लेन को नहीं उतरने देने का लगाया था आरोप
दरअसल, केरल से प्रयागराज जाने के क्रम में दो दिनों पहले राहुल गांधी का वाराणसी आने का कार्यक्रम था। जिसके बाद रात में कांग्रेस नेता अजय राय ने जिला प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी पर राहुल गांधी के प्लेन को नहीं उतरने देने का आरोप लगाया था। अब इस आरोप के जवाब में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अजय राय पर अफवाह फैलाने और उनकी छवि खराब करने का मुकदमा फूलपुर थाने में दर्ज कराया है। हालांकि, अजय राय ने इस मामले में न डरने की बात कही है।
फूलपुर थाने में मुकदमा दर्ज
एलबीएस एयरपोर्ट के डायरेक्टर अजय कुमार पाठक ने फूलपुर थाने में लिखित शिकायत कर मुकदमा दर्ज कराया है। शिकायत के अनुसार राहुल गांधी जिस फ्लाइट ऑपरेटर के माध्यम से आने वाले थे। उसे कुन्नूर से कानपुर होते हुए वाराणसी आना था। फ्लाइट के आने का समय साढ़े दस बजे शेड्यूल था लेकिन, आठ बजकर 55 मिनट पर फ्लाइट ऑपरेटर ने बताया कि वो फ्लाइट वाराणसी की जगह दिल्ली ले जा रहे हैं।
उस दिन हवाई अड्डे का दौरा करने वाले राय ने आरोप लगाया कि वाराणसी हवाई अड्डे के अधिकारियों ने राहुल गांधी के विमान को अंतिम समय पर उतरने की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण उन्हें दिल्ली जाना पड़ा। राय ने कहा था कि कांग्रेस नेता यहां प्रयागराज के कमला नेहरू अस्पताल में एक कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे थे। इस बीच, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन को ज्ञापन सौंपा और इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
अजय कुमार पाठक के अनुसार, 13 फरवरी की रात कांग्रेस नेता अजय राय ने एयरपोर्ट प्रशासन पर आरोप लगाते हुए एक वीडियो ट्वीट किया था।अजय राय ने यह भी आरोप लगाया था कि ट्रैफिक जाम, राज्य सरकार के दबाव और राष्ट्रपति की यात्रा के कारण वाराणसी एयरपोर्ट प्रशासन ने राहुल गांधी के विमान को लैंड करने की इजाजत नहीं दी।
मुझे प्रताड़ित किया जा रहा- अजय राय
खुद पर मुकदमा दर्ज होने के संबंध में अजय राय ने कहा कि सरकार के दबाव में मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। यह मुकदमा सरकार की प्रताड़ना का ही उदाहरण है। हमने किसी की कोई मानहानि नहीं की है और न झूठ बोला है। हमने अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के तहत अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रखी थी।