Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा साहिब सिंह गुरुवार को लोधी रोड में मौजूद सूचना भवन के पास पहुंचे। यहां पर वह बारापुला नाले का निरीक्षण करने के लिए गए थे। इससे कुछ ही मिनट पहले कम से कम सात लोग बिना किसी प्रोटेक्टिव गियर के हाथ से नाले की सफाई कर रहे थे।
इन सभी लोगों के हाथों में स्टील की बाल्टियां और बर्तन थे। यह सभी घुटनों तक गहरे काले कीचड़ में उतरकर नाले की सफाई करने लगे। यह नाला सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अंदर आता है। जब मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और मंत्री पहुंचे तो लोग कैमरे से बिल्कुल दूर हो गए। सरकारी सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मशीन नाले में नहीं जा सकती थी, इसलिए उसे हाथ से ही साफ करना पड़ा।
गाद निकालने का काम तेजी से जारी
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के चीफ इंजीनियर मुकेश कुमार ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है और उन्होंने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी नहीं की। मुख्यमंत्री, उपरज्यपाल और मंत्री ने वजीराबाद सप्लीमेंट्री ड्रेन, बारापुला, सुनहरी ब्रिज, कुशक और नजफगढ़ ड्रेन का भी निरीक्षण किया। मानसून के दौरान बाढ़ और जलभराव न हो, इसके लिए सफाई करने और गाद निकालने का काम तेजी से चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा था?
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘आज दिल्ली के जितने बड़े नाले हैं, उसकी विजिट सरकार की तरफ से किया गया। एलजी और मंत्री हमारे साथ में रहे। जब बात होती है कि यमुना की सफाई के लिए क्या किया जा रहा है, तो मैं आज आपको यह बताना चाहती हूं कि यमुना की सफाई के लिए जो लगातार 22 नाले जो यमुना में गिरते हैं, उनकी लगातार डिसेल्टिंग पर काम, उनके लिए एसटीपी बनाने का काम, हर 15 दिन बाद जो विजिट हो रहा है, ये लगातार यमुना की सफाई के निमित ही काम हो रहा है। जिस स्पीड में काम हो रहा है। सारे के सारे टारगेट लगातार अचीव किए जा रहे हैं। यमुना में जाकर जब भी ये नाले गिरे तो यह अपने साफ स्वरूप में गिरे। बारापुला नाला, सुनहरी पुल नाला और कुशक नाले पर पिछली सरकारों ने कभी भी ध्यान ही नहीं दिया।’ रेखा गुप्ता सरकार का फैसला बना AAP की नई टेंशन