सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वाहनों के उत्सर्जन से ग्लेशियरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अदालत ने कहा कि पारिस्थितिकीय तौर पर संवेदनशील रोहतांग दर्रा इलाके में किसी आंकड़े के बिना पेट्रोल और डीजल वाहनों की संख्या नहीं बढ़ाई जा सकती। न्यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की एक अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘हमारे पास आंकड़े आने दीजिए। वे कह रहे हैं कि 1200 वाहनों को अनुमति दी जा सकती है। अगर आप कहते हैं कि इस संख्या को 2000 किया जाए तो कुछ आंकड़े होने चाहिए। कहीं तो आपको रेखा खींचनी होगी।’
वाहनों के उत्सर्जन से ग्लेशियरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है-
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘वाहनों के उत्सर्जन से ग्लेशियरों पर प्रतिकूल असर होता है। एक तरीके से आपका जीवन भी ग्लेशियरों पर निर्भर करता है।’ पीठ ने हिमाचल प्रदेश समेत मामले के पक्षों से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के हलफनामे पर जवाब देने को कहा। पीठ ने फिलहाल हिम-आंचल टैक्सी संचालक संघ को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। इसी संस्था ने मनाली-रोहतांग दर्रा मार्ग पर वाहनों की संख्या बढ़ाने की मांग की है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने हाल ही में कहा था कि रोहतांग तक जाने के लिए केवल 800 पेट्रोल चालित वाहनों को प्रतिदिन इजाजत दी जाएगी। पहले के आदेश में यह संख्या 600 थी। एनजीटी ने 13,050 फुट ऊचे दर्रे से प्रतिदिन 400 डीजल वाहनों को गुजरने की अनुमति दी है। टैक्सी संचालक संघ इस आधार पर आदेश की आलोचना कर रहा है कि यह आजीविका अर्जित करने के उनके अधिकार को प्रभावित करता है।
पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तारीख तय की है। अदालत ने सभी पक्षों से मंत्रालय के हलफनामे का जवाब देने को कहा है। उधर, मंत्रालय ने कहा है कि उसकी देश में सीएनजी स्टेशनों के विकास की ऐसी कोई योजना नहीं है। इस तरह के व्यय के लिए कोई बजटीय प्रावधान भी नहीं है। केंद्र ने कहा, ‘इसलिए महसूस किया गया कि मनाली-रोहतांग पास पर सीएनजी स्टेशन मुहैया कराने के लिए कारोबार के मॉडल पर फिर से काम करने की जरूरत है। ताकि पूंजी व्यय की समस्या का समाधान खोजा जा सके और सीएनजी परिचालन की व्यवहार्यता के व्यापक मुद्दे पर ध्यान दिया जा सके।’
इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि पारिस्थितिकीय तौर पर संवेदनशील रोहतांग दर्रा इलाके में पेट्रोल चालित वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी के एनजीटी के निर्देश में कुछ भी गलत नहीं है। यह आदेश पर्यावरण और पारिस्थितिकी के हित में है। हिम-आंचल टैक्सी चालक संघ हर रोज रोहतांग जाने वाले पेट्रोल और डीजल वाहनों की संख्या प्रतिबंधित करने के एनजीटी के विभिन्न आदेशों को चुनौती दे रहा है।