दिल्ली में चेन स्नैचिंग के आरोप में भाई-बहन गिरफ्तार किए गए। दिल्ली पुलिस ने नशे के आदी भाई-बहन को गिरफ्तार किया है, जिन्हें ‘बंटी-बबली’ की जोड़ी कहा जाता है। इन पर दक्षिणी दिल्ली और आसपास के इलाकों में महिलाओं से सोने की चेन झपटने का आरोप है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान नीलम उर्फ रीता (24) और उसके 17 वर्षीय भाई के रूप में हुई है, दोनों अंबेडकर नगर के रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार, दोनों भाई-बहन नशे के आदी हैं और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से हैं। उनका पिता कभी ‘ठक-ठक’ गिरोह का सदस्य था जो 2018 में उत्तर प्रदेश में 40 लाख रुपये की डकैती में शामिल थे, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी। बाद में एक मुठभेड़ में घायल होने के बाद, वह अब व्हीलचेयर पर है। उन्होंने बताया कि उनके पास से सोने की चार चेन और अपराध में इस्तेमाल एक स्कूटर बरामद किया गया है।
दिल्ली: चेन स्नैचिंग के आरोप में ‘बंटी-बबली’ भाई-बहन गिरफ्तार
दक्षिण दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकित चौहान ने कहा, “हाल के हफ़्तों में मालवीय नगर, कोटला मुबारकपुर और कर्तव्य पथ से स्कूटर सवार एक लड़के और एक लड़की द्वारा चेन झपटमारी की कई घटनाएं सामने आई हैं। सभी मामलों में, लड़की चेन छीन लेती थी और लड़का तेज़ी से भाग जाता था।” पुलिस ने बताया कि 50 से ज़्यादा कैमरों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर, संदिग्धों का दक्षिणपुरी इलाके में होने का पता चला। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक संक्षिप्त अभियान के बाद उन्हें साकेत के पुष्प विहार से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने 24 वर्षीय लड़की और उसके 17 वर्षीय भाई को ‘बंटी-बबली’ भाई-बहन बताया क्योंकि उनके अपराध 2005 की बॉलीवुड फिल्म बंटी और बबली के मुख्य किरदारों द्वारा किए गए अपराधों से मिलते-जुलते थे। पुलिस ने कहा, “दोनों आरोपी नशे के आदी हैं और उनके माता-पिता का भी आपराधिक इतिहास रहा है।”
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चीनी आका के निर्देश पर ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़
एक और मामले में दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन माध्यम से शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर 47 लाख रुपये से अधिक की ठगी का भंडाफोड़ कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग एक चीनी नागरिक के निर्देश पर शेयर बाजार में निवेश की फर्जी योजनाओं के जरिये लोगों से धोखाधड़ी करते थे। अधिकारी के मुताबिक, आरोपियों की पहचान बिहार के पटना निवासी साहिल यादव (25) और आर्यन (22), बेगूसराय निवासी आशीष कुमार उर्फ ‘जैक’ (36) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने निवेशकों को ठगने के लिए नोएडा में एक फर्जी कार्यालय बनाया था। पुलिस ने बताया कि आरोपियों को चीन में बैठे ‘टॉम’ नामक एक आका से निर्देश मिलते थे, जिन्हें दिल्ली और नोएडा में गतिविधियों का काम देखने वाला आशीष कुमार आगे बढ़ाता था।
दक्षिण-पूर्व दिल्ली में ऑनलाइन दर्ज कराई गई एक एफ़आईआर की जांच के दौरान इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह मामला एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की शिकायत पर दर्ज किया गया था जिसमें कहा गया कि शेयर बाजार की एक नकली वेबसाइट के माध्यम से उनसे 47.23 लाख रुपये की ठगी की गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “आरोपियों ने ठगी से अर्जित धन को वैध दिखाने के लिए अलग-अलग बैंकों में कम से कम सात चालू खाते खोले थे। तकनीकी जांच में यह भी सामने आया कि इस कंपनी से जुड़ी 131 साइबर शिकायतें दर्ज हैं।” पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्हें दिसंबर 2024 में टेलीग्राम के जरिए एक “चीनी आका” ने भर्ती किया था। उन्हें बैंक खाते उपलब्ध कराने पर हर एक करोड़ रुपये के लेनदेन पर 1 से 1.5 प्रतिशत कमीशन देने का लालच दिया गया था। पुलिस ने बताया कि बाद में आरोपियों ने ठगी के धन को वैध दिखाने के उद्देश्य से एक कंपनी भी बनाई।
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(इनपुट- भाषा)
