पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर राजनीतिक कार्यकर्ता दीपक सीताराम काटे से 28 गोलियां और दो मैगजीन जब्त किए जाने के कुछ दिनों बाद, संभाजी ब्रिगेड ने सोमवार को इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की। संभाजी ब्रिगेड के प्रवक्ता संतोष शिंदे ने दावा किया कि दीपक सीताराम काटे बीजेपी कार्यकर्ता है और उसके राइट विंग लीडर और शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान संगठन के संभाजी भिड़े उर्फ ”गुरुजी” से लिंक हैं।
संतोष शिंदे ने दीपक सीताराम काटे के फेसबुक पोस्ट के स्क्रीनशॉट भी प्रसारित किए, जिसमें वह भिड़े के साथ दिखाई दे रहा है। संतोष शिंदे ने कहा, “हम इस मामले की गहन जांच की मांग को लेकर संबंधित पुलिस और सरकारी अधिकारियों से मिलेंगे। पुलिस को आरोपी दीपक काटे के सोशल मीडिया अकाउंट की जांच करनी चाहिए, जो स्पष्ट रूप से बीजेपी वर्कर है। उसके पास इतनी गोलियां क्यों थीं? किसी खतरनाक साजिश की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।”
इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ASI संदीप कारपे ने कहा कि दीपक सीताराम काटे को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया था। उन्होंने बताया, “कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके बाद उसे यरवडा जेल ले जाया गया। आरोपी हैदराबाद में एक धार्मिक समारोह में शिरकत करने जा रहा था। उसके बैग से बरामद गोलियों की जांच जारी है।”
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पुणे पुलिस ने बताया कि दीपक काटे पुणे जिले के इंदापुर तालुका में सराती गांव से संबंध रखता है और एक व्यापारी है। वह शुक्रवार रात हैदराबाद जाने के लिए विमान में सवार होने के लिए वह लोहेगांव एयरपोर्ट पर था। जब एयरपोर्ट पर रात करीब 11.45 बजे उसका सामान चेक किया गया, तब एक्स-रे मशीन ने उसके बैग में मेटल ऑब्जेक्ट डिटेक्ट किया। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने जांच के दौरान बैग में 7.65 मिमी कैलिबर की 28 गोलियां और दो मैगजीन बरामद कीं।
Arms Act के तहत किया गया गिरफ्तार
दीपक काटे के बैग से बैग से बुलेट मिलने के बाद CISF और पुणे पुलिस को सूचित किया गया, जिसके बाद विमानतल पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई। FIR में बताया गया है कि पूछताछ के दौरान दीपक गोला-बारूद रखने का कोई वैध कारण नहीं बता पाया। पुलिस ने यह भी कहा कि उसके पास गोला-बारूद रखने का कोई परमिट या लाइसेंस नहीं था। पुलिस ने उसे आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है।
दीपक को नहीं थी बैग में कारतूस होने की जानकारी?
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि दीपक ने पुलिस से कहा कि उसे अपने बैग में बुलेट होने की जानकारी नहीं थी। दीपक ने दावा किया कि किसी ने उसे फंसाने के लिए साजिश के तहत उसे बदनाम करने और उसकी पोजिशन खराब करने के लिए उसके बैग में कारतूस रखे हैं।
एक पुलिस सूत्र ने बताया कि पूछताछ के दौरान दीपक ने दलील दी कि वह कई बार एयरपोर्ट से यात्रा कर चुका है और उसे अच्छी तरह पता है कि एक्स-रे स्कैनर में कारतूस का पता लगाया जाता है। उसने कहा कि अगर उसे कारतूस ले जाने होते तो वह अपना बैग एक्स-रे स्कैनिंग के लिए क्यों देता? यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि क्या उसने किसी मकसद के लिए किसी से अवैध रूप से गोलियां खरीदी थीं।
अजित पवार की पार्टी के लिए किया प्रचार
पुलिस सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि दीपक ने अजित पवार की पार्टी एनसीपी के लिए बीते विधानसभा चुनावों में प्रचार किया था। एनसीपी और बीजेपी में चुनाव के लिए गठबंधन था। रिपोर्ट में बताया गया है कि दीपक के फेसबुक अकाउंट पर उसने खुद को BJYM का पदाधिकारी बचाया है। उसके अकाउंट पर कुछ ऐसी भी रील हैं, जिनमें वो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के साथ नजर आ रहा है।
संभाजी ब्रिगेड क्यों कर रही विरोध?
दीपक काटे के संगठन का नाम शिवधर्म फाउंडेशन है। इस संगठन ने संभाजी ब्रिगेड के खिलाफ प्रदर्शन किया था। दीपक काटे ने संगठन के नाम में छत्रपति संभाजी महाराज के एकेरी उल्लेख (singular reference) पर आपत्ति जताई और दावा किया कि इसने अपने बलिदान के लिए जाने जाने वाले महान मराठा राजा का अपमान किया है। उन्होंने यह भी मांग की कि संभाजी ब्रिगेड को अपना नाम बदलकर “धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज ब्रिगेड” करना चाहिए।
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