बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के आरोप में पुलिस ने प्रशांत नट नामक युवक को गिरफ्तार किया है। इस बीच बुलंदशहर से ही बीजेपी विधायक देवेंद्र सिंह लोधी ने चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा, ‘‘इंस्पेक्टर सुबोध ने खुद को गोली मारी थी, जिससे उनकी मौत हो गई। इस मामले में कुछ लोगों को बेवजह फंसाया जा रहा है। हिंसा के दौरान पुलिस के अलावा किसी के पास हथियार नहीं थे। इंस्पेक्टर को एक ही गोली लगी थी।’’ देवेंद्र सिंह लोधी ने यह दावा न्यूज18 को दिए एक इंटरव्यू में किया।
बीजेपी विधायक का यह है दावा : बीजेपी विधायक का दावा है कि जब इंस्पेक्टर सुबोध भीड़ में घिर गए तो उन्होंने बचाव के लिए अपने कंधे में गोली मारने की कोशिश की, जो गलती से उनके सिर में लग गई। इसी गोली से उनकी मौत हो गई। सुबोध कुमार एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे। वे पहले भी कई बार अपने हाथ में गोली मार चुके थे। बता दें कि हिंसा के 25 दिन बाद पुलिस ने इंस्पेक्टर के हत्यारे प्रशांत नट को गिरफ्तार किया है।
पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं देवेंद्र सिंह लोधी : 3 दिसंबर को हिंसा के बाद विधायक देवेंद्र सिंह लोधी ने दावा किया था, ‘‘हिंसा भड़काने में लोगों का हाथ नहीं था। वे गोकशी की शिकायत लेकर पुलिस के पास गए थे। पुलिस ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद इंस्पेक्टर सुबोध ने लोगों पर सीधे गोली चला दी। वहीं, इंस्पेक्टर हार्ट अटैक से मर गया। इस मामले में प्रशासन ने पूरी तरह लापरवाही बरती।’’ इसके अलावा ‘शिव भक्तों को सांप नहीं काटता’ जैसे बयान भी देवेंद्र सिंह लोधी दे चुके हैं।
3 दिसंबर को हुई थी हिंसा : गौरतलब है कि बुलंदशहर में 3 दिसंबर को कथित गौकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। वहीं, भीड़ में शामिल एक युवक की भी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले जीतू फौजी को गिरफ्तार किया था, जो घटना के दिन पुलिस चौकी के सामने मौजूद था। यूपी एसटीएफ के एसएसपी का कहना है कि आरोपी जवान जीतू ने बुलंदशहर हिंसा के दौरान उपद्रवियों की भीड़ में शामिल होने की बात कबूल की थी।
योगी ने कहा था- यह राजनीतिक साजिश : बुलंदशहर हिंसा मामले में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को सरकार के खिलाफ राजनीतिक साजिश करार दिया था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस साजिश को बेनकाब करने में कामयाब रही। वहीं, हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के घरवालों का आरोप है कि इस घटना के सबूत मिटाए जा रहे हैं। सुबोध कुमार की पत्नी और बेटे का आरोप है कि इंस्पेक्टर का कातिल खुलेआम घूम रहा है, क्योंकि उसे राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है।
बचाव में चली गोली लग गई थी सुमित को : एसएसपी प्रभाकर चौधरी के मुताबिक, इंस्पेक्टर ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, जिसमें सुमित नाम के युवक की मौत हुई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वीडियो फुटेज और कुछ लोगों की गवाही के आधार पर इंस्पेक्टर की हत्या में नट को संदिग्ध पाया गया। बता दें कि इस मामले में बुलंदशहर पुलिस अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, छह से ज्यादा लोगों ने अदालत में आत्मसमर्पण किया है।