दिल्ली के बजट में इस बार स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा नई व बड़ी घोषणाएं नहीं की गईं बल्कि पहले से चल रही परियोजनाओं में तेजी व बेहतरी लाने पर ही बल दिया गया। इस बार डिजिटल स्वास्थ्य सेवा व मोहल्ला क्लीनिक पर खास जोर दिया गया है। बजट में इस बार स्वास्थ्य के लिए कुल 9,769 करोड़ रुपए आबंटित किए गए। मोहल्ला क्लीनिक व पालीक्लीनिक के लिए 475 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों के उन्नयन के लिए 1,900 करोड़ रुपए आबंटित किए गए।

सिसोदिया ने कहा कि हमें समझना होगा कि नई गरीबी बीमारी के कारण आ रही है। इसलिए बड़े पैमाने पर मोहल्ला क्लीनिकों की आश्यकता है। दिल्ली में सरकार कुल 520 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक, 29 पालीक्लीनिक और 38 मल्टी स्पेशियलिटी व सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध करा रही है। 94 पालीक्लीनिक मौजूदा औषधालयों का उन्नयन किए जा रहे हैं।

मोहल्ला क्लीनिकों की संख्या भी बढ़ाकर 1,000 की जाएगी। स्कूलों में भी आम आदमी स्कूल क्लीनिक शुरू किए गए हैं। जहां हर छह महीने में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच होती है। बुराड़ी में 768 बिस्तरों का अस्पताल पूरा हो चुका है और कोविड 450 बिस्तरों के लिए काम चल रहा है।

आंबेडकर नगर अस्पताल भी कोविड रोगियों के लिए 200 बिस्तरों और इंदिरा गांधी अस्पताल अगले साल 1,241 बिस्तरों के साथ चालू होगा। पंद्रह मौजूदा अस्पतालों का नवीनीकरण का काम हो रहा है। चार नए अस्पतालों के लिए प्रस्ताव है। नए अस्पतालों के बन जाने पर 16,000 बिस्तरों की क्षमता का इजाफा हो जाएगा।