बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 23 जून 2022 को होने वाले लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ में उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। हालांकि, पार्टी रामपुर में उपचुनाव नहीं लड़ेगी।
रविवार को बसपा की प्रदेश इकाई की दो दिवसीय जिला एवं मंडल स्तरीय समीक्षा बैठकों के बाद पार्टी प्रमुख मायावती ने एक बयान जारी कर कहा, “बसपा सीमित संसाधनों वाली पार्टी है, जिसका मुकाबला बड़े-बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के धनबल पर चलने वाली विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दंड, भेद आदि हथकंडों से लगातार होता रहता है। इसलिए पार्टी और इसके जनाधार को नुमाइशी और शाहखर्ची वाली बैठकों से दूर रहकर छोटी-छोटी कैडर मीटिंग के बलबूते मजबूत बनाना होगा।”
रामपुर सीट पर नहीं उतारेगी उम्मीदवार: मायावती ने अपने बयान में कहा कि बसपा की कैडर बैठक में उत्तर प्रदेश में 23 जून को होने वाले लोकसभा उपचुनाव में एक सीट पर उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया गया है। मीटिंग में फैसला लिया गया कि बसपा आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव लड़ेगी, लेकिन रामपुर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
बसपा ने कहा कि रामपुर क्षेत्र में पार्टी को अभी और मजबूत आधार बनाने की जरूरत है इसलिए 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा वहां उम्मीदवार उतारेगी। बसपा की उत्तर प्रदेश इकाई का दो दिवसीय जिला और मंडल स्तरीय बैठकों का दौर रविवार (29 मई) को खत्म हुआ।
23 जून को मतदान: गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद आजमगढ़ के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने रामपुर से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद रामपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं के इस्तीफा देने से खाली हुई दोनों सीटों पर 23 जून को मतदान होगा।
बसपा ने अपने बयान में दावा किया कि उत्तर प्रदेश में दलित, आदिवासी, पिछड़ा और धार्मिक अल्पसंख्यक विरोधी नीति और कार्यशैली अपनाने वाली कांग्रेस पार्टी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का दमखम बसपा में ही है। साथ ही बसपा ही गरीब विरोधी एवं धन्नासेठ समर्थक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जड़ें हिलाने में सक्षम है।
