मध्य प्रदेश में बमुश्किल सबको साथ लेकर सरकार बनाने वाली कांग्रेस को पल-पल विधायकों से चुनौतियां मिल रही हैं। कमल नाथ सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती पथरिया से बसपा विधायक राम बाई की मांगों को पूरा करना है। सरकार बने अभी एक ही महीना बीता है और अब तक राम बाई की तरफ से लगभग आधा दर्जन बार विद्रोह के स्वर उठ चुके हैं। उनकी मांगों के चलते कमल नाथ सरकार के लिए कई बार असहज स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।
‘सीएम ने कहा इसलिए लगाया ताला’: ताजा मामला बंगले को लेकर हुए विवाद का है। दरअसल राम बाई के समर्थकों ने भोपाल में मंत्री प्रदीप जायसवाल को आवंटित किए गए बंगले पर ही कब्जा कर लिया। हालांकि काफी जद्दोजहद और पीडब्ल्यूडी की आपत्ति के बाद उन्होंने वहां से अपना ताला हटा लिया। लेकिन उनकी जिद बरकरार है कि उन्हें वही बंगला चाहिए। इस विवाद पर विधायक ने कहा, ‘हमने अपनी मर्जी से ताला नहीं लगवाया। हमें मुख्यमंत्री कमलनाथ, पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन वर्मा और विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा था कि जिस बंगले को चाहो ले लो। अब वही बंगला मुझे चाहिए।’
कांग्रेस-बसपा में कब-कब तनातनीः राज्य में बहुमत से दूर रही कांग्रेस ने बसपा के दो विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी। इसके बाद एक ही महीने में करीब आधा दर्जन बार बसपा ने तेवर दिखाए हैं।
– बसपा सुप्रीमो मायावती ने समर्थन पर विचार की चेतावनी देकर महज 24 घंटों के भीतर कांग्रेस से भारत बंद के दौरान दलितों पर दर्ज मुकदमे वापस कराए।
– राम बाई को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की मांग उठी। मंत्री नहीं बनाए जाने पर राम बाई ने विरोधी रुख अख्तियार किया। उन्होंने कहा, ‘मंत्री तो बनाना पड़ेगा, चाहे जैसे बनाओ।’
– राम बाई ने उनके रवैये के चलते कमल नाथ सरकार को खतरे पर कहा- ‘कांग्रेस भी जानती है कि पांच साल तक ऐसे ही चलेगा।’
– कमल नाथ सरकार को चेतावनी दी कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया तो कांग्रेस सरकार का हाल कर्नाटक जैसा हो सकता है।
– राम बाई ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव वाले बंगले की मांग कर डाली। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने समझाया तो काफी जद्दोजहद के बाद मंत्रियों वाला बंगला लेने को तैयार हुईं।