बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के तेवर भाजपा और कांग्रेस के लिए काफी तीखे नजर आ रहे हैं। बता दें एक तरफ जहां अखिलेश ने एक रैली में कहा- ‘कांग्रेस- भाजपा दोनों का नजरिया एक जैसा है और दोनों के नेता मिले हुए हैं । दोनों में से किसी को भी गरीबों, नौजवानों और किसानों से मतलब नहीं हैं।’ तो वहीं दूसरी ओर मायावती ने भी रायपुर की एक रैली में कहा – ‘भाजपा-कांग्रेस एक समान, एक सांपनाथ तो एक नागनाथ।’ गौरतलब है कि आखिलेश और मायावती के ऐसे बयान 2019 के लोकसभा चुनावों पर गहरा असर कर सकते हैं।

अखिलेश का हमला
अखिलेश ने कांग्रेस-भाजपा पर बड़ा हमला करते हुए नोटबंदी का जिक्र किया और कहा- ‘बीजेपी और कांग्रेस का नजरिया इस मुद्दे पर एक समान हैं। सच्चाई तो ये हैं कि पहले काले धन को बैंको में जमा करवाया गया और इसके बाद जिन लोगों का काल धन बैंक में जमा हुआ वो अपने रुपए लेकर विदेश भाग गए। आपने भी ध्यान दिया होगा कि हाल ही में कितने लोग विदेशों की तरफ रुख कर चुके हैं। इससे बड़ी नोटबंदी की सच्चाई और कुछ नहीं। दोनों पार्टियों में किसी तरह का अंतर नहीं है। जो भाजपा है वो कांग्रेस हैं और जो कांग्रेस है वो भाजपा है।’

गरीबों के लिए नहीं सोचती भाजपा- कांग्रेस

अखिलेश के अलावा मायावती ने रायपुर में शुक्रवार को रैली में कहा- ‘छत्तीसगढ़ में हमें पूर्ण बहुमत मिलेगा और अगर किसी वजह से जनादेश नहीं मिला तो हम विपक्ष में बैठेंगे। हम न तो भाजपा का साथ देंगे और न ही कांग्रेस का। ये दोनों ही पार्टी गरीबों की हितैशी पार्टी नहीं है।’

 

20 नवंबर को होगा मतदान
बता दें छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होते थे जिसमें से 12 नवंबर को मतदान हो चुका है जबकि अब 20 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं इसके नतीजा 11 दिसंबर को आएगा।