कर्नाटक में मई में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट न मिलने पर विरोध का सिलसिला जारी है। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और अनंत कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दरअसल, पार्टी हाईकमान ने भाजपा के मुख्यमंत्री पद के चेहरे बीएस. येद्दियुरप्पा के बेटे बीवाई. विजयेंद्र को टिकट नहीं दिया है। पूर्व सीएम येद्दियुरप्पा ने सोमवार (23 अप्रैल) को ऐलान किया कि उनके बेटे विजयेंद्र इस बार के चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे। इसके बाद विजयेंद्र के समर्थकों ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और अनंत कुमार के खिलाफ नारेबाजी की। बता दें कि टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में भी हंगामा हो चुका है। कर्नाटक विधानसभा के लिए 12 मई को वोट डाले जाएंगे, जबकि 15 मई को मतगणना होगा। चुनाव तिथियों की घोषणा को लेकर भी विवाद हो चुका है।
Slogans erupt against BJP high command – Ananth Kumar, Amit Shah – as party workers protest Yeddyurappa son denied ticket. #Mysore #KarnatakaElections pic.twitter.com/zy2qHvybNn
— Sreenivasan Jain (@SreenivasanJain) April 23, 2018
वरुणा सीट पर सीएम सिद्धारमैया के बेटे से होना था मुकाबला: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे डॉक्टर यतींद्र सिद्धारमैया और बीएस. येद्दियुरप्पा के बेटे के बीच मैसूर के वरुणा सीट पर चुनावी मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन, भाजपा हाईकमान के निर्णय से अब यह संभव होता नहीं दिख रहा है। मैसूर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने शीर्ष नेतृत्व को चेतावनी दी है कि विजयेंद्र को टिकट नहीं मिलने पर वे पार्टी की सदस्यता त्याग देंगे। समर्थकों का कहना है कि उनके नेता को विधानसभा चुनाव का टिकट न देकर उनके साथ धोखा किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तेजित कार्यकर्ताओं ने न केवल अमित शाह और अनंत कुमार के खिलाफ नारेबाजी की, बल्कि नांजनागुड़ु (मैसूर) में रैली स्थल पर तोड़फोड़ भी की। समर्थकों की जबर्दश्त भीड़ होने के कारण विजयेंद्र अपने होटल रूम से निकल भी नहीं सके। उनके समर्थक जोर-जोर से कह रहे थे कि विजयेंद्र को टिकट न मिलने पर वह एचडी. देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर के पक्ष में वोट करेंगे। बता दें कि भाजपा इस बार कर्नाटक में सत्ता में आने की पुरजोर कोशिश कर रही है। कुछ दिनों पहले हुए एक सर्वेक्षण में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की वापसी के संकेत मिले थे। ऐसे में कार्यकर्ताओं के बगावती तेवर से भाजपा को नुकसान भी हो सकता है।