भाजपा नेता ब्रजपाल तेवतिया पर एके 47 समेत अन्य हथियारों से हमला 17 साल पुरानी रंजिश के कारण किया गया था। महरौली गांव के रहने वाले मनीष, विक्की और मनोज ने हत्या की योजना बनाई थी। 11 अगस्त को हुई वारदात से एक सप्ताह पहले पूरा षड्यंत्र रचा गया था। अलबत्ता 10 अगस्त को भी रेकी करने के बाद ब्रजपाल की हत्या करने का प्रयास किया गया था। ब्रजपाल की रेकी भी गिरोह के एक साथी ने की थी। उसी ने स्कूटी से पीछा कर बदमाशों को तेवतिया की सटीक जानकारी दी थी। जिन्होंने रावली रोड पर टेलीफोन एक्सचेंज के सामने गोलीबारी को अंजाम दिया। आइजी मेरठ सुजीत पांडे ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि वारदात को अंजाम देने वाले निशांत उर्फ जीतू भदौरिया, राहुल त्यागी, राजकुमार उर्फ राम और जितेंद्र उर्फ पोपे को गिरफ्तार कर लिया है। उसके कब्जे से वारदात में इस्तेमाल हुए दो मोबाइल फोन और रेकी में इस्तेमाल हुई स्कूटी बरामद हुई है। जबकि मनीष, विक्की, मनोज समेत अन्य बदमाश फरार हैं।
बता दें कि भाजपा नेता पर जानलेवा हमले को लेकर उप्र सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। डीजीपी स्तर से कड़ाई होने पर करीब 250 तेज तर्रार पुलिस अफसरों को मामले की जांच में लगाया गया था। शुरुआत से पुलिस आपसी रंजिश, प्रॉपर्टी विवाद या राजनीतिक प्रतिद्वंदता को हमले की वजह मान रही थी।
10 अगस्त को मारने की थी तैयारी, गाड़ी आगे निकलने से नाकाम हुई थी साजिश
वारदात से एक सप्ताह पहले मनीष के घर पर ब्रजपाल तेवतिया की हत्या की साजिश रची गई थी। जिसमें गिरफ्तार अभियुक्तों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हुए थे। सटीक मुखबिरी के लिए रामकुमार उर्फ राम को ब्रजपाल तेवतिया के घर के आसपास रेकी के लिए भेजा था। 10 अगस्त को राम ने रेकी कर टेलीफोन पर मनीष को ब्रजपाल के बारे में जानकारी दी थी। जिसके बाद फॉर्च्यूनर कार में मनीष अपने साथ निशांत भदौरिया, अभिषेक गुर्जर, गौरव गुर्जर, मनोज चौधरी, बब्बल उर्फ योगेंद्र ठाकुर, बिट्टू और पहलवान को लेकर ब्रजपाल की गाड़ी के पीछे गए थे। मुरादनगर में ब्रजपाल की गाड़ी के आगे निकल जाने की वजह से वारदात को अंजाम नहीं दे सके। 11 अगस्त को राम की रेकी के आधार पर मनीष चौधरी की फॉर्च्यूनर कार से निशांत, अभिषेक गुर्जर, गौरव गुर्जर, बब्बल, बिट्टू और पहलवान ने ब्रजपाल की कार का पीछा करते हुए मुरादनगर तक गए थे। राम स्कूटी से पीछा कर मोबाइल से ब्रजपाल की लोकेशन की जानकारी दे रहा था।
मुरादनगर में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद ब्रजपाल रावली रोड पर तेहरवीं के एक कार्यक्रम में गए थे। तब बदमाश रावली रोड टेलीफोन एक्सचेंज पर घात लगाकर बैठ गए। तेहरवीं से ब्रजपाल के चलने की सूचना जब राम ने दी, तब फॉर्च्यूनर चला रहे निशांत ने ब्रजपाल की स्कार्पियों के आगे अड़ा दी। तभी कार में बैठे बदमाशों ने एके 47, कारबाइन, पिस्टलों से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। गोलीबारी करने के बाद बदमाश मेरठ की तरफ भागे। मुरादनगर नहर किनारे से होते हुए अबूपुर गांव के जंगल में फॉर्च्यूनर कार छोड़कर हथियारों को अपने बैग में भरकर मेरठ रोड पहुंचे। वहां से बदमाश आॅटो में सवार होकर अपने परिचित के यहां शरण लेने के लिए जा रहे थे। पुलिस की जांच देखकर आॅटो से उतरकर भागे। पुलिस के पीछा करने पर हथियारों से भरा बैग छोड़कर अलग-अलग दिशाओं में फरार हो गए थे।
उल्लेखनीय है कि 11 अगस्त की रात करीब 7.20 बजे ब्रजपाल तेवतिया के काफिले पर गोलीबारी हुई थी। जिसमें ब्रजपाल के अलावा इंद्रपाल प्रधान, रामपाल यादव, मोहन, विपिन, अशेक मोहम्क सिंह मलिक भी गंभीर रूप से घायल हुए थे। उधर, सेक्टर- 62 के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती ब्रजपाल की हालत में सुधार हो रहा है। 6 गोलियों में से 5 शरीर के आरपार हो गई थी। जबकि एक को आॅपरेशन कर निकाला गया था।
