उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक महिला ने शादी के तीन दिन बाद ही अपनी पति से तलाक की मांग की है। महिला का आरोप है कि उसका पति ‘शारीरिक रूप से अक्षम’ है। उसने दावा किया कि यह बात उसके पति ने शादी की रात ही उसे बताई।

न्यूज एजेंसी भाषा से बातचीत में पुलिस ने बताया कि दुल्हन के परिवार का दावा है कि मेडिकल रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि दूल्हा पिता नहीं बन सकता, जिसके बाद उन्होंने शादी में दिए गए तोहफे और शादी का खर्च वापस मांगा है। महिला द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस में उसने कहा, “मैं ऐसे व्यक्ति के साथ अपनी जिंदगी नहीं बिता सकती जो वैवाहिक संबंधों के लिए शारीरिक रूप से अक्षम है। यह बात शादी की रात उसने मुझे खुद बतायी है।”

अमीर किसान परिवार का इकलौता बेटे से हुई थी शादी

रिपोर्ट के अनुसार, महिला का 25 वर्षीय पति अमीर किसान परिवार का इकलौता बेटा है। वह गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की एक औद्योगिक इकाई में इंजीनियर है। परिवार के सूत्रों के अनुसार, यह शादी रिश्तेदारों के माध्यम से तय की गई थी। विवाह 28 नवंबर को हुआ था और अगले दिन ‘विदाई’ हुई थी।

परिवार के सूत्रों ने बताया कि यह मामला एक दिसंबर को सामने आया, जब दुल्हन के पिता एक पारंपरिक रस्म के लिए उसके ससुराल गए। दुल्हन ने उन्हें बताया कि दूल्हे ने वैवाहिक संबंधों के लिए चिकित्सीय आधार पर शारीरिक रूप से अक्षम होने की बात मानी है। इसके बाद दुल्हन को दूल्हे के परिवार को बताए बिना तुरंत उसके मायके वापस ले जाया गया।

युवक की यह दूसरी नाकाम शादी

सूत्रों के मुताबिक, दोनों परिवार तीन दिसंबर को एक रिश्तेदार के घर मिले जहां दुल्हन पक्ष ने दूल्हे के परिवार पर उसकी चिकित्सीय स्थिति की बात छुपाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह दूल्हे की दूसरी नाकाम शादी थी। उसकी पहली पत्नी भी दो साल पहले शादी के एक महीने के अंदर इसी वजह से चली गई थी।

दुल्हन के परिजनों के मुताबिक, दोनों परिवारों की सहमति से दूल्हे को चिकित्सीय जांच के लिए गोरखपुर के एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि दूल्हा वैवाहिक संबंधों के लिए चिकित्सीय रूप से अयोग्य है और “वह पिता नहीं बन सकता”।

पहले मेडिकल जांच कराने से मना कर दिया

दुल्हन के परिजनों का कहना है कि दूल्हे के पिता ने शुरू में अपने बेटे की मेडिकल जांच कराने से मना कर दिया था, जिसके बाद दुल्हन के परिवार ने पुलिस से संपर्क किया और शादी के दौरान दिए गए सभी तोहफे और नकदी वापस करने की मांग की।

उन्होंने बताया कि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद समझौता हो गया। दूल्हे का परिवार एक महीने के अंदर शादी के खर्च के तौर पर सात लाख रुपये और सभी उपहार वापस करने पर सहमत हो गया। दोनों पक्षों ने रिश्तेदारों की मौजूदगी में एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। सहजनवा के थाना प्रभारी महेश चौबे ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया, “दोनों परिवार संपर्क में हैं और मामला आपसी सहमति से सुलझाया जा रहा है।” (इनपुट – भाषा)

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