घने कोहरे के चलते लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर सौ के करीब वाहन मंगलवार आपस में भिड़ते चले गए। मौके पर मौजूद गांव वालों की तत्परता और सतर्कता के चलते बड़ी जनहानि होने से बच गई। घटना का कारण एक्सप्रेस वे के निर्माणाधीन पुल के कारण रास्ता बदलने के लिए एक्सप्रेस वे पर रखे मार्ग अवरोधक बताए जा रहे हैं।
दुघटर्नाओं में आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि कई लोगों को मामूली चोटें आने की भी सूचना है। सूचना मिलने पर पुलिस बल व फायर ब्रिगेड व एंबुलेंस के साथ पुलिस अधीक्षक तथा उप जिला अधिकारी मौके पर पहुंचे।

कोतवाली बांगरमऊ क्षेत्र के ग्राम जोगी कोट के प्रधान व ग्रामीणों के अनुसार आज तड़के लगभग तीन बजे एक्सप्रेस वे पर किसी वाहन के टकराने की तेज आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर ग्राम प्रधान पति अलाउद्दीन खां बबलू तथा तमाम ग्रामीण एक्सप्रेस वे की तरफ दौड़े। लेकिन ग्रामीणों के पहुंचने से पहले करीब एक दर्जन गाड़ियां एक दूसरे से टकरा चुकी थीं। ड्यूटी पर लगी डायल 100 पुलिस भी गाड़ियों को रोकने में नाकाम रही। पुलिस ने कंट्रोल रूम को सूचना देकर भारी मात्रा में पुलिस बल, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके बुलाई। पुलिस के जवान टॉर्च की रोशनी का इशारा कर गाडियों को रोका।

इटावा निवासी सचिन व अशोक यादव ने बताया कि वह अपनी गाड़ी से लखनऊ जा रहे थे। घने कोहरे के चलते वह सामने खड़ी गाड़ियों को नहीं देख सके। लेकिन पुलिस द्वारा टॉर्च से किए जा रहे इशारे को देख उन्होंने गाड़ी की रफ्तार धीमी कर ली। फिर भी उनकी गाड़ी सामने खड़ी गाड़ी से टकरा गई। इसके कार में सवार पांचों लोग नीचे उतरे। तभी पीछे से आ रही तेज रफ्तार गाड़ी ने उनकी गाड़ी को ठोंक दिया। बस्ती शहर के निवासी जगरूप सिंह पुत्र लाल सिंह, फिरोजाबाद जनपद के डिप्टी सीएमओ डॉ एके श्रीवास्तव के साथ भी ऐसी ही स्थिति पेश आई। ग्राम जोगी कोट के प्रधान पति अलाउद्दीन खां उर्फ बबलू ने बताया कि गांव के करीब पांच सौ लोग एक्सप्रेस वे पर एक किलोमीटर तक फैल गए। सभी ग्रामीण गाड़ियों को रुकने का इशारा करते लेकिन चालक गाड़ी की रफ्तार धीमी तो कर देते परन्तु रुकते नहीं और उनकी गाडी दुर्घटना की शिकार हो जाती। बबलू ने बताया की एक सौ से अधिक गाड़ियां दुर्घटना ग्रस्त हुई है।

पुलिस का सिपाही अनिल यादव हाथ के इशारे से गाड़ी रोकने का प्रयास कर रहा था। तभी एक कार उसके हाथ को टक्कर मारते हुए आगे बढ़ गई जिससे उनका हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया। यादव को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि देवी ने यूपीडा के ठेकेदार को बुलाया और उन्हें कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि रूट डायवर्जन के लिए मार्ग अवरोधक के साथ ही फाग लाइट क्यों नहीं लगाई।