राजस्थान में सरकार और संगठन की बिगड़ती छवि से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व चिंतित हो उठा है। प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी की सोमवार को यहां हुई बैठक में संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया गया। प्रदेश में सरकार की तरफ से कराए जा रहे कामों के प्रचार- प्रसार और पार्टी कार्यकर्ताओं को नए सिरे से सत्ता से जोडे जाने की कसरत शुरू करने का निर्णय किया गया। राज्य में ढाई साल से शासन कर रही भाजपा सरकार के कामों का आम जनता के बीच सही संदेश नहीं जाने से पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व हालात सुधारने की मुहिम में जुट गया है। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर सोमवार को यहां हुई प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में भी प्रभारी अविनाश राय खन्ना और राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री वी सतीश ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने का निर्देश प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को दिया।

इस बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अलावा कोर कमेटी में शामिल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर, राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव और प्रदेश के मंत्री अरुण चतुर्वेदी, युनूस खान और राजेंद्र राठौड़ शामिल हुए। इस कोर कमेटी की अब मंगलवार को केंद्रीय नेतृत्व के साथ दिल्ली में बैठक होगी। बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी। राजे ने साफ तौर पर कहा कि उनकी सरकार ने बेहतर काम किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की सफलता का जिक्र करते हुए इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं का आभार भी जताया।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी ने बैठक के बाद बताया कि कोर कमेटी ने फैसला किया है कि संगठन को मजबूत करने की दिशा में लगातार कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होेंने बताया कि प्रदेश में सरकार ने ढाई साल में जनहित की कई योजनाएं लागू की है और उनसे आम जनता को काफी राहत मिली है। पार्टी के तमाम कार्यकर्ता एकजुट होकर सरकार के कामों का प्रचार-प्रसार करेंगे। इसके लिए जल्द ही रूपरेखा तैयार की जाएगी। दूसरी तरफ हाल में प्रदेश के जिलों में गए मंत्रियों के समूह और पार्टी पदाधिकारियों को कार्यकर्ताओं से जमीनी हालात जानने में अलग ही तस्वीर दिखाई दी। भाजपा के ज्यादातर कार्यकर्ता अपनी ही सरकार के मंत्रियों की कार्यशैली से नाखुश हैं। कार्यकर्ताओं ने तो कई जिलों में मंत्रियों को साफ तौर पर कहा कि हालात बेहद खराब हैं और आज चुनाव हों तो भाजपा का भी ऐसा हाल होगा जैसा पिछले चुनाव में कांग्रेस का हुआ था।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व तक भी प्रदेश में सरकार और संगठन के कामकाज को लेकर कई शिकायतें पहुंची है। इनमें ज्यादातर तो कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होने और संगठन के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की सरकार में अनदेखी की है। मुख्यमंत्री राजे कई बार अपने मंत्रियों को साफ निर्देश दे चुकी है कि विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की शिकायतों को सुनकर उनका समाधान किया जाए। मंत्रियों और विधायकों का कहना है कि सरकार में नौकरशाही हावी है और अफसर उनकी नहीं सुन रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी का तो साफ कहना है कि सरकार विचारधारा से भटक गई है। प्रदेश में सब कुछ एक ही व्यक्ति पर केंद्रित हो गया है। यह स्थिति पार्टी के लिए घातक है। तिवाड़ी लंबे अरसे से प्रदेश में सरकार और संगठन को लेकर अपनी बात केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाते रहे हैं।