Bihar BJP: बिहार भाजपा (Bihar BJP) ने अनुशासनहीनता के लिए अपने एक उपाध्यक्ष राजीब रंजन (Rajib Ranjan) को निलंबित कर दिया। पार्टी ने राज्य इकाई के प्रमुख संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) का 29 दिसंबर को जारी एक पत्र साझा किया। हालांकि, इसके तुरंत बाद रंजन ने दावा किया कि उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से खुद ही इस्तीफा दिया है।

पार्टी का दावा, राजीब को पहले भी दी जा चुकी हैं चेतावनियां

बिहार बीजेपी चीफ (Bihar BJP Chief) ने अपने पत्र में कहा कि राजीब रंजन को मौखिक रूप से चेतावनियां दी गई थीं पर वो उनकी अनदेखी करते हुए पार्टी लाइन के विपरीत बयान देते रहे। जायसवाल ने इसके लिए उन्हें फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि प्रदेश उपाध्यक्ष रहते हुए राजीब के बयान अशोभनीय हैं। ये और पार्टी की प्रतिष्ठा पर भी गलत असर डालते हैं।

उन्होंने कहा कि राजीब रंजन को उनके पद से मुक्त कर छह साल के लिए पार्टी से निलंबित किया जाता है। खास बात यह है कि बीजेपी ने शुक्रवार दोपहर तक इस पत्र को सामने नहीं रखा। उसने इसे तब जारी किया, जब रंजन ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि पार्टी दलितों और ओबीसी के प्रति अच्छा रवैया नहीं रखती है।

Rajib Ranjan ने भी लगाए पार्टी पर आरोप

राजीब रंजन ने कहा कि पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के “सबका साथ सबका विकास” के नारे से भटक गई है। बिहार में एजेंडा पटना केंद्रित हो गया है। उनके पैतृक जिला नालंदा भी बीजेपी के लिए दोयम दर्जे की जगह है। बीजेपी जिस तरह की राजनीति कर रही है वो उनकी समझ से परे है। पार्टी के अंदर का यह घमासान ऐसे समय में सामने आया है, जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष (BJP President) जे पी नड्डा (JP Nadda) 3 जनवरी को प्रदेश के दौरे पर आने वाले हैं।

पहले Nitish Kumar के साथ रहे थे राजीब रंजन

राजीब रंजन, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) के साथ रहे हैं। 2015 में बीजेपी में शामिल होने से पहले लगातार दो बार इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने सारण जिले में जहरीली शराब त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजे की मांग करने वाली बीजेपी की मांग को खारिज करते हुए एक बयान जारी किया था। इसमें वो बीजेपी पर भड़के हुए थे। उसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह मुख्यमंत्री के साथ जा सकते हैं।