भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अमेरिका द्वारा श्रीलंका को कोविड-19 वैक्सीन दिए जाने को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर पर तंज कसा है। अक्सर अपनी ही पार्टी के नेताओं की खुलकर आलोचना करने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्विटर यूजर के लिंक पर अपनी टिप्पणी की है। इस लिंक के जरिए जानकारी को साझा किया गया था कि अमेरिका ने श्रीलंका को 1.5 लाख मॉडर्ना वैक्सीन को दान की है। इस आर्टिकल के जवाब में स्वामी ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि जय़शंकर ने तो कहा था कि वैक्सीन सबसे पहले भारत को मिलेगी। अमेरिका द्वारा अन्य देशों को वैक्सीन दिए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
But what happened to Jaishankar’s announcement of US giving us first?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 16, 2021
अमेरिका पूरी दुनिया को दान कर रही है वैक्सीन: बताते चलें कि अमेरिका ने ऐलान किया था वह पूरी दुनिया में वैक्सीन का दान करेंगे, इसी कड़ी में अमेरिका ने कई देशों को टीके भेजने शुरू भी कर दिए हैं। भारत को अमेरिका द्वारा मॉडर्ना और फाइजर वैक्सीन की तीस से चालीस लाख खुराकें मिलनें की उम्मीद है।
अमेरिका ने दिया था मदद का आश्वासन: मई महीने में विदेश मंत्री पांच दिनों के अमेरिका दौरे पर गए थे, यहां उनकी मुलाकात अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से हुई थी। बाइडेन प्रशासन के साथ यह उनकी पहली बैठक थी। अमेरिका ने भारत को अपना अहम साझेदार बताते हुए विश्वास दिलाया था कि अमेरिका की बाइडेन सरकार भारत के साथ है और उन्हें मॉडर्ना वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी।
भारत में कुल चार वैक्सीन की मंजूरी: भारत में कोरोना के खिलाफ चार वैक्सीनों को मंजूरी मिली है, इसमें एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की मदद से बनी कोविडशील्ड, भारत बायोटेकत की को-वैक्सीन, रूस की स्पुतनिक और अमेरिका की मॉडर्ना।
कितनी असरदार है मॉडर्ना: मॉडर्ना की वैक्सीन को अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने बनाया है, भारत में सिप्ला कंपनी से साझेदारी की गई है। भारतीय वैक्सीन की तरह इस अमेरिकी वैक्सीन की भी दो डोज लगती हैं और पहली और दूसरी डोज के बीच 4 हफ्तों का अंतराल होता है।