बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को लापता बताए जाने की बीजेपी की सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
बिहार बीजेपी की सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, “लापता की तलाश! नाम-तेजस्वी यादव, पहचान-नौवीं फेल, आखिरी बार कब देखा गया- मीडिया से मुंह छिपाकर भागते हुए।”
इस मुद्दे पर जेडीयू ने भी आक्रामक प्रतिक्रिया दी। जेडीयू के विधान परिषद सदस्य और प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जो छात्र पढ़ाई में रुचि नहीं रखते, वे अक्सर स्कूल से भागते हैं और तेजस्वी यादव भी उसी तरह ‘स्कूल से भागे हुए नेता’ हैं।
किस ‘ग्रह’ पर हैं तेजस्वी यादव- नीरज कुमार
नीरज कुमार ने दावा किया कि बिहार की जनता ने उन्हें राजनीतिक रूप से नकार दिया है और यही वजह है कि वे सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाए हुए हैं। कुमार ने कहा, “तेजस्वी यादव के पिता को ही यह नहीं पता कि उनका बेटा कहां है, तो प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल क्या जानकारी देंगे।” उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में सवाल उठाया कि तेजस्वी यादव आखिर किस ‘ग्रह’ पर हैं।
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नीरज कुमार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव खुद बिहार की राजनीति के लिए एक ‘ग्रह’ बन चुके हैं, जो केवल बाधा उत्पन्न करता है।
बीजेपी तेजस्वी फोबिया से ग्रस्त- आरजेडी
तेजस्वी यादव को लेकर जारी किए गए पोस्टर पर आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने जोरदार पलटवार किया है। तिवारी ने कहा, “बीजेपी तेजस्वी फोबिया से ग्रस्त है। बीजेपी को काम की चिंता नहीं है। बिहार की जनता की चिंता नहीं है। तेजस्वी यादव का नाम जपते हैं।”
विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार
बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के करीब 20 दिन बाद, चार दिसंबर को तेजस्वी यादव यूरोप गए थे। इस दौरान उनकी पत्नी और दोनों बच्चे भी उनके साथ थे। नेता प्रतिपक्ष होने के बावजूद उन्होंने विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र में भी भाग नहीं लिया, जिसे लेकर सत्ता पक्ष लगातार निशाना साध रहा है।
बिहार के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने जबरदस्त जीत हासिल की थी जबकि विपक्षी महागठबंन को करारी हार का सामना करना पड़ा था। 243 सीटों वाली बिहार की विधानसभा में एनडीए में शामिल बीजेपी को 89, जेडीयू को 85, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) को 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटें मिली थीं। दूसरी ओर, आरजेडी की अगुवाई वाला महागठबंधन सिर्फ 35 सीटें ही जीत सका था।
आरजेडी को 25, कांग्रेस को 6, सीपीआई (एमएल) (एल) को 2, इंडियन इंक्लूसिव पार्टी और सीपीएम को 1-1 सीट पर जीत मिली है।
